चैत्र नवरात्रि की शुरूआत 9 अप्रैल से हो रही है. इन दिनों भक्त मां भगवती की भक्ति में लीन रहते हैं. इस बार नवरात्रि 9 अप्रैल से 17 अप्रैल चलेंगे.
चैत्र नवरात्रि 2024 पहले दिन का मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04.27 – सुबह 05.13
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06.20 – शाम 06.43
अमृत काल मुहूर्त – रात 10.38 – प्रात: 12.04, 10 अप्रैल
निशिता मुहूर्त – रात 11.47 – प्रात: 12.33, 10 अप्रैल
चैत्र नवरात्रि 2024 आरती
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत,हरि ब्रह्मा शिवरी॥
ॐ जय अम्बे गौरी…॥
मांग सिंदूर विराजत,टीको मृगमद को।
उज्ज्वल से दोउ नैना,चंद्रवदन नीको॥
ॐ जय अम्बे गौरी…॥
कनक समान कलेवर,रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला,कंठन पर साजै॥
ॐ जय अम्बे गौरी…॥
केहरि वाहन राजत,खड्ग खप्पर धारी।
सुर-नर-मुनिजन सेवत,तिनके दुखहारी॥
ॐ जय अम्बे गौरी…॥
कानन कुण्डल शोभित,नासाग्रे मोती।
कोटिक चंद्र दिवाकर,सम राजत ज्योती॥
ॐ जय अम्बे गौरी…॥
शुंभ-निशुंभ बिदारे,महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना,निशदिन मदमाती॥
ॐ जय अम्बे गौरी…॥
चण्ड-मुण्ड संहारे,शोणित बीज हरे।
मधु-कैटभ दोउ मारे,सुर भयहीन करे॥
ॐ जय अम्बे गौरी…॥
ब्रह्माणी, रूद्राणी,तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी,तुम शिव पटरानी॥
ॐ जय अम्बे गौरी…॥
चौंसठ योगिनी मंगल गावत,नृत्य करत भैरों।
बाजत ताल मृदंगा,अरू बाजत डमरू॥
ॐ जय अम्बे गौरी…॥
तुम ही जग की माता,तुम ही हो भरता,
भक्तन की दुख हरता।सुख संपति करता॥
ॐ जय अम्बे गौरी…॥
भुजा चार अति शोभित,वर मुद्रा धारी।
खड्ग खप्पर धारी।मनवांछित फल पावत,सेवत नर नारी॥
ॐ जय अम्बे गौरी…॥
कंचन थाल विराजत,अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत,कोटि रतन ज्योती॥
ॐ जय अम्बे गौरी…॥
श्री अंबेजी की आरति,जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी,सुख-संपति पावे॥
ॐ जय अम्बे गौरी…॥
जय अम्बे गौरी,मैया जय श्यामा गौरी।
चैत्र नवरात्रि 2024 मंत्र जाप
‘या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:’
नवरात्रि में मां के इस मंत्र का जाप सुबह शाम पूजा के दौरान जरूर करें.
चैत्र नवरात्रि 2024 कलश स्थापना कैसा करें
घटस्थापना या कलश स्थापना शुभ मुहूर्त में ही करें.
कलश स्थापना जहां स्थापित करना है वहां अच्छे से सफाई कर गंगाजल छिड़करें.
उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण में कलश की स्थापना करें.
पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं, मां दुर्गा की तस्वीर स्थापित करें.
कलश में पानी, गंगाजल, सिक्का, रोली, हल्दी गांठ, दूर्वा, सुपारी डालें
कलश में 5 आम के पत्ते रखकर उसे ढक दें. ऊपर से नारियल रखें.
इसके बाद एक मिट्टी का बर्तन लें और उसमें साफ मिट्टी रखें. अब इसमें कुछ जौ के दाने बो दें और उनपर पानी का छिड़काव करें, इसे चौकी पर स्थापित कर दें. दीप जलाकर गणपति, माता जी, नवग्रहों का आव्हान करें. फिर विधिवत देवी का पूजन करें.
आरती और मंत्र जाप करें.
चैत्र नवरात्रि 2024 घटस्थापना शुभ मुहूर्त
पहला मुहूर्त – सुबह 06 :02 – 10:16 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त – 11: 57 – दोपहर 12 :48 तक