इंदौर। शहर के भवरकुआं पुलिस थाना क्षेत्र के स्वामीनारायण मंदिर परिसर में उस समय सनसनी फैल गई, जब एक युवक ने पिस्टल से युवक व युवती को गोली मार दी. स्वामी नारायण मंदिर परिसर में दीपक जाट और उसकी मौसेरी बहन स्नेहा जाट दर्शन करने के लिए पहुंचे थे. इसी दौरान दोनों के मंदिर में आने की सूचना उनके परिचित अभिषेक को लग गई. अभिषेक भी वहां पहुंच गया. यहां पर तीनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद शुरू हो गया.
विवाद बढ़ने के बाद युवक ने मारी गोली
विवाद बढ़ने के बाद अभिषेक ने अपनी कमर से पिस्टल निकाली और दीपक व स्नेहा पर फायरिंग कर दी. अभिषेक ने गोली इतनी पास से चलाई कि दीपक और स्नेहा को बचने का भी समय नहीं मिला. तीन फायर दीपक और स्नेहा पर अभिषेक ने किए. दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए. दोनों को खून से लथपथ जमीन पर पड़ा देखकर लोगों के बीच सनसनी फैल गई. आरोपी अभिषेक इसके बाद मंदिर के सामने एक कैंटीन में गया और वहां पर पानी पिया. इसके बाद उसने वहीं सुसाइड का प्रयास किया.
आरोपी युवक की अस्पताल में मौत
मौके पर पर मौजूद लोगों ने पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस ने मौके पर जाकर देखा तो तो दीपक और स्नेहा की स्पॉट पर ही मौत हो गई थी. वहीं अभिषेक गंभीर घायल अवस्था में पड़ा था. उसे इलाज के लिए निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि दीपक ओरिएंटल कॉलेज में बीए का छात्र था. स्नेहा ने उसे मुलाकात करने के लिए मंदिर में बुलाया था. पूर्व में स्नेहा की बातचीत अभिषेक से होती थी लेकिन पिछले कुछ दिनों से वह बात नहीं कर रही थी. अभिषेक इंजीनियरिंग का छात्र था. स्नेहा महाराजा कॉलेज से इंजीयरिंग कर रही थी.
कई बिंदुओं को लेकर जांच में जुटी पुलिस
युवती इंदौर की रहने वाली थी तो वहीं दीपक आगर मालवा का रहने वाला था. गोली मारने वाला अभिषेक भी इंदौर में ही रहता था. इस मामले में एडिशनल पुलिस कमिश्नर अमित सिंह का कहना है “पुलिस कई बिंदुओं पर जांच पड़ताल कर रही है. युवक और युवती की जान पहचान कैसे हुई, उसने इस तरह घटनाक्रम को क्यों अंजाम दिया, इसको भी खंगाला जा रहा है. प्रथमदृष्टया ये मामला एकतरफा इश्क का लग रहा है.”
हत्या के बाद जारी किया पत्र
अभिषेक यादव ने गुरुवार सुबह इंदौर के स्वामीनारायण मंदिर में प्रेमिका स्नेहा जाट और उसके दोस्त दीपक जाट की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने खुद को भी गोली मार ली। तीनों की मृत्यु के बाद अभिषेक का एक पत्र सोशल मीडिया पर आया है।
क्या लिखा है पत्र में…
मैं आप सभी को स्नेहा और मेरे बारे में बताने जा रहा हूं। आप मैसेज को ध्यान से पड़ना मैं जो भी बोलूंगा आपको उसका स्क्रीनशॉट भी प्रूफ में दूंगा। स्नेहा और मैं दिसंबर 2019 में रिलेशनशिप में आए। जब रिलेशन में आए तो मैंने स्नेहा को मना किया था कि मैं शादी नहीं करूंगा। इसी तरह से रिलेशनशिप में रहना है तो रह सकते हैं वरना कोई बात नहीं। इस पर उसने कहा नहीं अगर शादी करो तो ही रिलेशनशिप में रहूंगी वरना नहीं रहूंगी। इसके बाद हमारी कुछ दिनों तक बात बंद रही। कुछ दिनों बाद स्नेहा ने कहा ठीक है शादी नहीं करेंगे। इस रिलेशनशिप को ही आगे बढ़ाते हैं, मैंने कहा ठीक है। उस टाइम हमारी ज्यादा बात नहीं हुआ करती थी। उसके बाद लॉकडाउन लग गया और हमारी बातें ज्यादा से ज्यादा होने लगी। हम दिन भर एक दूसरे से बात किया करते थे जिससे हमारे बीच प्यार बढ़ गया और एक दूसरे से ज्यादा अटेचमेंट हो गया।
उसके बाद लॉकडाउन खुला और हमारा मिलना जुलना स्टार्ट हो गया। स्टार्टिंग में हम लोग रीजनल पार्क या कैफे में मिला करते थे। स्नेहा मेरे लिए हमेशा कुछ न कुछ गिफ्ट लेकर आया करती थी और मुझसे कुछ भी गिफ्ट नहीं लेती थी। कहती थी मैं घर पर यह गिफ्ट नहीं ले जा सकती हूं। इसके बाद हमारा मिलना जुलना चलता रहा। हमारे बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं। इसके बाद स्नेहा मुझ पर शादी करने का दवाब बनाने लगी। मैंने स्नेहा से शादी कर ली। वह शादी करने के बाद मुझे हसबैंड की तरह मानने लगी। मेरे अंदर भी उसके लिए वाइफ की फीलिंग्स आने लगी। एक दिन हम लोग देवास दर्शन करने गए तो वहां पर स्नेहा ने कहा कि माताजी के सामने मेरी मांग में सिंदूर भर दो। मैंने कहा एक बार मंदिर में शादी कर ली फिर अब क्यों करें तो कहनी लगी मांग में सिंदूर भरो वरना मैं कुछ कर लूंगी। मैंने देवास में फिर से माताजी के सामने उसकी मांग में सिंदूर भर दिया। स्नेहा मेरे लिए फिर सारे उपवास करने लगी जो एक पत्नी अपने पति के लिए करती है। वह सारे सावन सोमवार का उपवास करने लगी। उसके बाद हर साल करवा चौथ का उपवास करने लगी। हमारा रिलेशन बहुत मजबूत हो गया और हम दोनों बहुत हसीं खुशी से एक दूसरे के साथ रहने लगे।
उसके बाद स्नेहा कहने लगी कोर्ट मैरिज कर लेते हैं। यहां मैंने उसे जैसे तैसे समझाया। हम दोनों की बॉन्डिंग बहुत ज्यादा अच्छी हो गई थी। हम रोज मिला करते थे। स्नेहा मेरी ज्यादा केयर करती थी हसबैंड के जैसे ट्रीट करती थी। रोज जब भी बात होती तो शादी की बात किया करती थी। कहती थी शादी के बाद ऐसा करेंगे, वैसा करेंगे। हनीमून पर उस जगह जाएंगे। रोज रोज उसकी यही बातें मेरे मन पर भी असर करने लगी। मैं भी उसको अपनी वाइफ मानने लगा और सपने देखने लगा की स्नेहा सही बोल रही है। हम यह सब करेंगे। कहने लगी कभी तुमने अब मुझे छोड़ दिया तो मैं उसी दिन मर जाऊंगी। मैंने कहा अब मैं तुझे कभी नहीं छोड़ूंगा पर तेरा पता नहीं। सब कुछ अच्छा चल रहा था। स्नेहा हमेशा उसके घर के बारे में बात किया करती थी। हमरा रिलेशन बहुत अच्छा चल रहा था सब कुछ ठीक था। हम बहुत घूमते थे। 12 से 13 बार हम लोग उज्जैन और 7 से 8 बार देवास और महेश्वर के सारे वाटरफॉल गए। इंदौर की ऐसी कोई जगह नहीं थी जहां पर हम दोनों नहीं गए। फिर हम दोनों के बीच कोई तीसरा इंसान आ जाता है।