मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी गुरुवार को इंदौरी रंग में नजर आए। वे दो घंटे से ज्यादा समय गेर में शामिल हुए। मालवी पगड़ी पहने रंग-गुलाल में तर मुख्यमंत्री खुद लोगों पर गुलाल बरसा कर लोगों को अभिवादन कर रहे थे। जगह-जगह लोगों पर उन्होंने गुलाल उड़ाया। अभिवादन भी स्वीकार किया। जब लौटे तो रंग और पानी से तरबतर होकर। दोनों हाथ उठाकर वह इंदौर की गेर से रवाना हुए।
इससे पहले उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि गुजरात का गरबा यूनेस्को में शामिल कुछ समय पहले हुआ है। इंदौर के रंगों की इस गेर को भी यूनेस्को से जोड़ने का काम हो रहा है। इसके लिए सरकार भी प्रयास करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रंगों का यह त्योहार परस्पर भाईचारा बढ़ाने वाला है। हम सब अपने जीवन की कलुष्ता मिटाकर रंगों के त्योहार में डूब जाते हैै।प्रेम रंग में डूबकर हम तमाम दुश्मनियां भूल जाते है। यह त्योहार शोक निवारण का भी है।होली से लेकर पंचमी तक मालवा में हर दिन आनंद के साथ गुजरता है। इंदौर में तो इसका अंदाज ही निराला है। यहां मालवा के लोग जुटते है।
मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की वजह से अब दुनिया हमारी तरफ देख रही है। हमारे देश की कला, संस्कृति, वैभव में अलग ही आनंद और मस्ती है। उन्होंने कहा कि रंगपंचमी भी एक तरह से नए साल की तरह मनाई जाती है।
75 वर्ष से ज्यादा पुरानी इस परंपरा में शामिल होकर मैं बेहद खुश हूं। वर्षों पुरानी परंपरा मध्य प्रदेश के साथ-साथ मालवा की खास है। गेर तो एक शब्द है, यह तो अपना बनाने वाली टोली है। पहले रंगपंचमी पर अलग-अलग समाजों और मोहल्लों के निशान लेकर निकलने की परंपरा भी रही है। आचार संहिता है। कुछ सीमाएं हैं। इसके बाद भी गौरवशाली परंपरा को याद करने मैं आज यहां आया हूं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव केे गेर में शामिल होने से पहले मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने उनका रंग-गुलाल लगाकर स्वागत किया। डॉ. यादव ने सभी लोगों को रंगपंचमी की शुभकामनाएं दी। फिर हिंद रक्षक की फाग यात्रा में शामिल हुए।
गिरते गिरते बचे सीएम
मुख्यमंत्री जिस वाहन में सवार थे। उसमें एक लिफ्ट भी लगी थी। राजवाड़ा पर वाहन से उतरने से पहले वे खुली लिफ्ट में चढ़कर लोगों पर गुलाल बरसाते रहे। इस दौरान लिफ्ट झटके से नीचे आई तो सीएम का संतुलन बिगड़ गया। वे गिरते-गिरते बचे। इसके बाद सुरक्षा में जुटे अफसरों ने लिफ्ट नीचे उतरवा दी