बांदा जेल में करीब ढाई साल से बंद मुख्तार अंसारी की गुरुवार (28 मार्च) को देर रात हार्ट अटैक से मौत हो गई. मुख्तार अंसारी को इलाज के लिए जेल से बांदा मेडिकल कॉलेज लाया गया था, हालांकि इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. अब गाजीपुर के कालीबाग में कब्रिस्तान में मुख्तार अंसारी को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. वहीं मुख्तार अंसारी की मौत के बाद गाजीपुर के मुहम्मदाबाद स्थित उनके आवास ‘फाटक’ पर लोगों के भीड़ जुटने लगी. मुख्तार के घर को फाटक क्यों कहते हैं इस खबर में जानें.
मुहम्मदाबाद में करीब 40 हजार लोग रहते हैं लेकिन यहां पर मुख्तार अंसारी का परिवार एक बड़े घर में रहता है, जो चारों तरफ से बाउंड्री से घिरा हुआ है. इस घर में जाने का सिर्फ एक ही रास्ता है जो एक बड़ा सा फाटक है और इसलिए इसे फाटक कहते हैं. बताया जाता है कि आस-पास के गांवों में भी जब कोई मामला होता था तो उनके दादा भी यहां पंचायत लगाते थे और लोग कहते थे कि चलो मामला निपटाने के लिए फाटक चलते थे. इतना ही नहीं मुख्तार अंसारी के समय में फाटक से ही पूर्वांचल की राजनीति तय होती थी और मुख्तार का सिक्का लखनऊ तक चलता था. कहा जाता है कि अगर कोई फाटक का चक्कर लगा लेता था तो उसे कोर्ट-कचहरी का चक्कर नहीं काटना पड़ता था.
मुख्तार अंसारी के दादा स्वतंत्रता सेनानी रहे
मुख्तार अंसारी के दादा डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे और 1927-28 में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष थे. वहीं उनके नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान अंसारी भी हैं, जिन्हें ‘नौशेरा का शेर’ कहा जाता है, जो महावीर चक्र से नवाजे जा चुके हैं. वहीं उनके चाचा हामिद अंसारी भी हैं, जो एक सिविल सेवक थे, जिन्होंने 2007 और 2017 के बीच भारत के उपराष्ट्रपति रहे.
परिवार के सदस्यों पर दर्ज हैं केस
यूपी पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक, मुख्तार और उनके परिवार के खिलाफ कम से कम 97 मामले दर्ज हैं, जिनमें उनके खिलाफ 63 मामले भी शामिल हैं. उनके सांसद भाई अफ़ज़ल, जिन्हें परिवार का मुखिया कहा जाता है, पत्नी अफशा अंसारी, सबसे बड़े भाई और पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी, जेल में बंद बेटे और विधान सभा सदस्य (एमएलए) अब्बास अंसारी और छोटे बेटे उमर सभी पर आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं. मुख्तार के दो बहनोई आतिफ रजा और अनवर शहजाद पर भी केस दर्ज हैं.