कोटा में छात्रा के अपहरण मामले में इंदौर से दो युवक गिरफ्तार

इंदौर मध्यप्रदेश

इंदौर : कोटा में पढ़ाई कर रही शिवपुरी की 20 साल की छात्रा काव्या धाकड़ के अपहरण की बात झूठी निकली है। काव्या अपने एक दोस्त के साथ इंदौर से गायब हुई है और पुलिस अब उन दोनों की तलाश कर रही है। 

छात्रा के पिता रघुवीर धाकड़ ने 18 मार्च को इस मामले की शिकायत पुलिस को की। रघुवीर ने पुलिस को बताया था कि 18 मार्च को दोपहर तीन बजे मेरे मोबाइल पर बेटी की किडनैपिंग का मैसेज आया था। बेटी के हाथ-पैर और मुंह बंधी फोटो भी बदमाशों ने भेजी थी। उसे जिंदा छोड़ने के एवज में 30 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई।

काव्या पढ़ाई करने के लिए कोटा गई थी और वहां से सीधे वह इंदौर अपने दोस्त के पास आ गई थी। इंदौर से ही दोनों ने यह मैसेज रघुवीर को भेजा था। दोनों को उम्मीद थी कि पिता पैसे दे देंगे। इसके बाद दोनों विदेश जाने की तैयारी कर रहे थे। काव्या और उसके दोस्त हर्षित का एक सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को मिल गया है। पुलिस ने इंदौर से दो लड़के हिरासत में लिए हैं। इनके नाम गजेंद्र और अमन हैं।

मंगलवार को एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया से राजस्थान पुलिस ने संपर्क किया। टीम ने बताया कि छात्रा की लोकेशन अधिकतर समय इंदौर में रही है। सूत्रों ने छात्रा को भंवरकुआ इलाके में देखे जाने की पुष्टि की। तत्काल एसआई बलराम रघुवंशी और एसआई मंगल सिंह बघेल की टीमों को जांच में लगाया गया। एक टीम मोबाइल लोकेशन और अन्य डाटा के आधार पर भोलाराम उस्ताद मार्ग पर पहुंची। यहां से गजेंद्र और अमन को उठा लिया। गजेंद्र ने बताया कि युवती ने वीडियो उसके रूम पर ही बनाए थे। किचन में ही पूरे फोटो वीडियो तैयार किए गए। यहां हर्षित भी मौजूद था। छात्रा ने वीडियो बनवाने के बाद उसे अपने पिता के मोबाइल पर भिजवाया था। वह खुद पिता से चैंटिग भी कर रही थी। जब खबर पुलिस तक पहुंची तो दोनों इंदौर छोड़कर चले गए। हर्षित और गजेंद्र हैं। ये सागर के रहने वाले हैं।

इंदौर में रह रही थी, पिता को लगा कोटा में है
पुलिस जांच में सामने आया कि छात्रा कोटा में पढ़ती नहीं थी और न ही वो यहां किसी हॉस्टल या पीजी में रहती थी। वहीं, छात्रा के पिता का कहना है कि वो बीते साल अगस्त में कोचिंग करने के लिए कोटा आई थी। कोटा सिटी एसपी अमृता दुहन ने बताया कि छात्रा कोचिंग में एडमिशन के लिए कोटा जरूर आई थी और यहां 4-5 दिन रुकी भी थी पर यहां से वो इंदौर चली गई फिर वो वापस नहीं आई।

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