प्रदेश में पहली बार इंदौर में दिव्यांगजनों को सशक्त और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशाल रोजगार मेला आयोजित किया गया। मेले में 686 दिव्यांगों ने अपना पंजीयन कराया। इसमें से 356 दिव्यांगों का चयन निजी क्षेत्र की प्रतिष्ठित कंपनियों में नौकरी के लिए किया गया। साथ ही मेले में आए 155 दिव्यांगों ने उद्योग और व्यवसाय स्थापना के लिए रुचि जाहिर की। मौके पर ही इन्हें आवेदन देकर औपचारिकताएं पूरी करा कर शीघ्र ही लोन देने की कार्यवाही की जाएगी। दिव्यांगों की नौकरी संबंधी समस्याओं के निवारण के लिए एक पोर्टल भी लांच किया गया है।
मेले का शुभारंभ सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्पमित्र भार्गव, कलेक्टर आशीष सिंह ने किया। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष रीना मालवीय, विधायक गोलू शुक्ला, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन, अनिल भंडारी, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय सुचिता बेक तिर्की सहित अन्य अधिकारी और जनप्रतिनिधिगण मौजूद थे। मेले में सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि जिला प्रशासन का यह अनूठा प्रयास है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के संकल्पों के अनुसार दिव्यांगजनों को आर्थिक रूप से मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है। यह आयोजन समय की सबसे बड़ी जरूरत को पूरा कर रहा है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि दिव्यांगजनों की उन्नति के लिए केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें बड़ी सफलता भी मिली है। पहले दिव्यांगों को उनके मूलभूत अधिकार और सुविधाएं दिलवाई गई और अब उन्हें सशक्त और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
फॉलोअप भी किया जाएगा
कलेक्टर आशीष सिंह ने मेला आयोजन के बारे में बताया कि दिव्यांगजनों को नौकरी दिलाने और उन्हें स्वरोजगार में मदद के लिए जिला प्रशासन द्वारा लगातार कोशिश की जा रही है। पहले हमने कलेक्टर कार्यालय में दिव्यांगों के लिए हेल्प डेस्क स्थापित की। अब दिव्यांग रोजगार मेला आयोजित किया। आज ही दिव्यांगों के लिए सशक्त नाम से एक रोजगार पोर्टल भी प्रारंभ किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से नौकरी देने वाली कंपनियों और जरूरतमंद दिव्यांगों के मध्य समन्वय स्थापित किया जाएगा। हमारा प्रयास है कि मेले के माध्यम से पंजीयत सभी दिव्यांगों को रोजगार से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के लिए आज किए गए प्रयासों का निरंतर फॉलोअप भी किया जाएगा।
सिलाई मशीन दी गई
अतिथियों ने मेले के स्टालों का अवलोकन किया। उन्होंने दिव्यांगजनों से चर्चा भी की। दिव्यांगजनों ने उनके लिए किए गए इस प्रयास की सराहना भी की। अतिथियों ने मेले में आए चयनित दिव्यांगों को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 20 हजार रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक की आर्थिक सहायता दी। मेले में आई 5 दिव्यांग महिलाओं को सिलाई मशीन दी गई। इसी तरह व्हीलचेयर का वितरण भी किया गया। दिव्यांगों का स्वास्थ परीक्षण कर नि:शुल्क उपचार किया गया। दिव्यांगों की यूआईडी तथा आधार कार्ड बनाने/संशोधन के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई। इसमें 161 दिव्यांगों की यूआईडी तथा 40 दिव्यांगों के दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनाए गए।
मेले में 50 से अधिक स्टाल लगाए गए थे। इन स्टालों पर निजी क्षेत्र की 75 से अधिक कंपनियों/संस्थानों के प्रतिनिधियों ने बैठकर मेले में आए दिव्यांगों का साक्षात्कार लिया। पात्रता के अनुसार उनका चयन किया। मेले में आईपीएस, बंसल सहित अन्य विभिन्न महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने दिव्यांगों की मदद की, उनका पंजीयन किया, उनकी रुचि एवं पात्रता की जानकारी ली, साथ में उन्हें स्टाल तक लेकर गए। विद्यार्थियों की सराहनीय भूमिका रही।