आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति में लगी बीजेपी उत्तर प्रदेश की 80 की 80 लोकसभा सीटें जीतने के लिए मंथन शुरू कर दी है. यूं तो यह बैठकें लंबे समय से जारी है पर अब लोकसभा चुनाव में मात्र 1 से 2 महीने बचे हैं और इस कड़ी में जल्दी टिकटों का बंटवारा भी होने वाला है. सूत्रों की माने तो इस बार बीजेपी में बड़े स्तर पर नेताओं की टिकट काटे जाने वाले हैं, वहीं कई सीटों पर नए प्रत्याशी उतारे जाने वाले हैं.
वरिष्ठ पत्रकार बृजेश शुक्ला के मुताबिक इस बार तकरीबन 30 से 40 ऐसी सीटें हैं. जहां प्रत्याशी बदले जाने वाले हैं. बृजेश शुक्ला की माने तो इस बार नोएडा से लेकर बलिया तक कई ऐसे सांसद हैं जो या तो 75 की उम्र सीमा पार कर चुके हैं या जो कई बार के सांसद रह चुके हैं या जिनकी परफॉर्मेंस अच्छी नहीं है. उनके टिकट इस बार कटने वाले हैं.
वरिष्ठ पत्रकार बृजेश शुक्ला के मुताबिक जिन सीटों पर प्रत्याशी बदले जाने का अनुमान है वो सीटें हैं सुल्तानपुर की मेनका गांधी की सीट, पीलीभीत की वरुण गांधी की सीट, कानपुर की सत्यदेव पचौरी की सीट, मथुरा की हेमा मालिनी की सीट, गाजियाबाद की वीके सिंह की सीट, बरेली की संतोष गंगवार की सीट, लखीमपुर से जितिन प्रसाद को लड़ाने की चर्चा है.
बदले जाएंगे ये सांसद
उनका कहना है कि बाराबंकी की सीट पर भी नया प्रत्याशी उतारा जा सकता है, कुशीनगर से आरपीएन सिंह को लड़ाने की चर्चा है. इसके अलावा प्रयागराज से रीता बहुगुणा का टिकट कट सकता है. देवरिया से रमापति राम त्रिपाठी का टिकट कटने की चर्चा है. वहीं अकबरपुर से कुछ बड़ा फेरबदल हो सकता है, अयोध्या से किसी बड़े आदमी के चुनाव लड़ाने की चर्चा है. गाजीपुर की सीट राजभर के खाते में जा सकती है और अलीगढ़ का टिकट भी बदला जा सकता है. ऐसे ही कई अन्य सीटें हैं जहां परिवर्तन दिखेगा.
2019 में हारी हुई 16 सीटों पर इसी महीने प्रत्याशी घोषित हो जाएंगे. 18 फरवरी को दिल्ली में होने वाली बैठक के बाद भारतीय जनता पार्टी सबसे पहले इन 2019 में हारी हुई 16 सीटों पर प्रत्याशी उतारने वाली है. बता दें कि बीते पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने ये प्रयोग किया था.