जमीन के जादूगर और भूमाफिया चंपू अजमेरा के घर बुधवार (31 जनवरी) की सुबह करीब 7:00 बजे ईडी (ED) की टीम ने छापा मार. ईडी की टीम इंदौर के पालीवाल नगर स्थित चंपू के घर पर पहुंची, यहां ईडी के अधिकारियों के साथ बैंक के भी कुछ अधिकारी जांच करने पहुंचे. जानकारी के मुताबिक करीब 6 अधिकारी चंपू के घर पहुंचे थे, जहां पर सैटेलाइट कॉलोनी में 110 करोड़ रुपए के बैंक लोन घोटाले की जांच की जा रही है. सूत्रों से मिली खबरों के मुताबिक कैलाश गर्ग की कंपनी अंबिका साल्वेंट में भी ईडी ने कार्रवाई की है.
ईडी की टीम 31 जनवरी की सुबह चंपू अजमेरा के घर पहुंची और घर के दरवाजे को बंद करते हुए चंपू के परिजनों को बताया कि वह कौन हैं. इसके बाद ईडी की टीम ने पूरे घर की चेकिंग की और जमीन घोटाले से जुड़े मामलों के दस्तावेज निकाले. जानकारी के मुताबिक आरोपी के घर में बैंक लोन जमीन के कागज सहित कंपनी से जुड़े दस्तावेज रखे हुए थे. सर्चिंग के बाद टीम जरूरी दस्तावेज अपने कब्जे में लेकर कार्रवाई कर रही है.
चंपू अजमेरा की पत्नी ने ईडी को क्या बताया?
वहीं उसकी पत्नी योगिता चंपू के बयान भी लिए गए हैं. बताया जा रहा है कि चंपू उर्फ रितेश की पत्नी योगिता भी इस कॉलोनी में डायरेक्ट रही हैं. इसलिए उनसे भी पूछताछ की गई है. जो सवाल ईडी ने पूछे उनमें चंपू से पूछा गया कि जमीन के लिए किस से कितना लोन लिया गया है और किस तरह के लोन का उपयोग खरीदारी के लिए किया गया है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में चल रहे मामलों की जानकारी भी ईडी की टीम ने चंपू अजमेरा से ली है.
ईडी की टीम ने पूछा कि प्लाट बेचने का तरीका क्या था, और किस तरह से मार्केटिंग की गई. जानकारी के मुताबिक सैटेलाइट कॉलोनी एवलॉन्च कंपनी ने 2008 में बनाई थी, जो नितेश और मोहन चुघ की तरफ से बनाई गई थी. इसके बाद नितेश और मोहन अलग हो गए और कैलाश गर्ग और सुरेश गर्ग की एंट्री हुई. वहीं बाद में प्रेमलता गर्ग और भगवान दास कोटलानी इनमें डायरेक्टर बने. गर्ग ने यूको बैंक आदि से 110 करोड़ का लोन लिया. वहीं मामले में चंपू को डेवलपर बनाते हुए सौदा करने की पावर ऑफ अटॉर्नी भी दे दी थी.