इन्दौर। केरला स्टोरी की कहानी सचबयानी है, जैसे हालात केरला में लव जिहाद जैसे हुए वैसे देश के कई राज्यों में लगातार हो रहे है, उनसे जागरूकता जरूरी है। फिल्में जनता में जागरूकता लाती है, यही काम देश में केरला स्टोरी ने किया, और हमेशा देश पहले हो यह मानसिकता आवश्यक है। यह बात पत्रकारों से चर्चा के दौरान इन्दौर प्रेस क्लब में केरला स्टोरी के पटकथा लेखक सूर्यपाल सिंह ने कहीं।
चर्चा के लिए शनिवार को प्रेस क्लब में सूर्यपाल सिंह पधारे। प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी व मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने उनका स्वागत किया।
उन्होंने मध्यप्रदेश के विषय में कहा कि ‘हवाई अड्डे के आस-पास सरकार को जमीन देकर फ़िल्म इंडस्ट्री तैयार करनी चाहिए, बाकी उसके आसपास निवेशक अपने ख़र्च पर सेट इत्यादि बनाकर फिल्मों, छोटे पर्दे के सीरियल और ओटीटी के लिए किराए पर दें सकते है। उसे देखने का ख़र्च किराया रखकर भी ख़र्च निकाला सकते हैं।’
सूर्यपाल ने यह भी कहा कि ‘वर्षों के रामलला के संघर्ष पर और कारसेवकों के बलिदान पर भी फ़िल्में बनना चाहिए।
केरला स्टोरी सहित अन्य विषयों पर सिंह के साथ सकारात्मक चर्चा हुई। चर्चा के दौरान क्लब के कोषाध्यक्ष संजय त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र कोपरगांवकर, मुकेश तिवारी, बालकृष्ण मूले, मार्टिन पिंटो सहित जलज व्यास, पारस बिरला, योगेश चंदेल आदि मौजूद रहें।