लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. मंगलवार को मुख्यालय में विधायकों, पूर्व विधायकों व 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की बैठक में अखिलेश ने लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा की. सभी ने अपने-अपने क्षेत्र के लोकसभा चुनाव के दावेदारों के नाम और चुनाव को लेकर अपने सुझाव बंद लिफाफे में दिए.
अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो एमओयू हुए थे क्या वो जमीन पर आ रहे हैं, क्या इंसेंटिव देने के लिए बजट में व्यवस्था की गई थी? समाजवादी पार्टी के विधायकों की बैठक में अखिलेश यादव ने कहा है कि मायावती उम्र में हमसे बड़ी हैं. वे बड़ी नेता हैं और हम सबको उनका सम्मान करना चाहिए.बलिया में हमारी बात का गलत मतलब निकाला गया. हम चाहते हैं कि सब मिलकर बीजेपी से चुनाव लड़ें.
बड़ी लड़ाई के लिए कुर्बानी देनी पड़ती है
अखिलेश यादव ने कहा कि गठबंधन के प्रत्याशियों को जिताने के लिए सभी को पूरी ताकत से लगना होगा. उन्होंने कहा कि बड़ी लड़ाई के लिए कुर्बानी देनी पड़ती है. सपा मुखिया ने कहा कि जितना वोट उन्हें पहले मिला था, उससे ज्यादा वोट इस बार सपा व गठबंधन के प्रत्याशियों को दिलाएं. उन्होंने कहा कि भाजपा लगातार इस बात का प्रचार कर रही है कि विकसित भारत बनेगा, क्या विकसित भारत किसानों के बिना आय बढ़े हो जाएगा?
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था तभी बेहतर होगी जब किसान और गरीब खुशहाल होगा. समाजवादियों को जब मौका मिलेगा तो देश व प्रदेश के नौजवानों को सम्मान का रोजगार दिलाएंगे. हालांकि इससे पहले अखिलेश यादव ने मायावती के गठबंधन में आने का विरोध किया था. तब जयंत चौधरी ने भी अखिलेश यादव के बयानों का समर्थन किया था.
हालांकि इससे पहले यूपी कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने इसके संकेत दिए थे. उन्होंने कहा था कि समन्वय समिति मायावती से बात कर रही है.