जिला बदर के खिलाफ प्रदर्शन: लोगों ने कहा- कलेक्टर का नहीं ग्रामसभा का कानून मान्य, बात सुनने डीएम बैठे सड़क पर

रतलाम

रतलाम। मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में सोमवार को आदिवासी समुदाय के लोगों का बड़ा प्रदर्शन किया। सैलाना विधानसभा क्षेत्र के बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग कलेक्ट्रेट के बाहर जमीन पर बैठकर धरना दिया और शासन के खिलाफ नारेबाजी की। दरअसल, वे आदिवासी समाज के दो लोगों को जिला बदर किए जाने का विरोध कर रहे थे।

जो जमीन सरकारी है-वो जमीन हमारी है, देखो देखो कौन आया-आदिवासी शेर आया, एक तीर एक कमान-आदिवासी एक समान नारे लगाते हुए समाज के लोगों ने रैली निकाली। समाज के लोगों का कहना है कि हम ज्ञापन नहीं दे रहे हैं। हम यहां ग्राम सभा कर निर्णय लेंगे कि आगे क्या करना है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के बीच कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार जमीन पर बैठ कर उनकी बात सुनी।

लोगों ने ग्राम सभा जिला रतलाम के बैनर तले अपना विरोध जताते हुए एक आदेश निकाला है। जिसमें 27 सितंबर 2023 और 3 अक्टूबर 2023 को तात्कालिक कलक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी द्वारा विलैश खराड़ी और विश्वनाथ प्रताप सिंह को 7 जिलों में जिला बदर का आदेश जारी किया गया था। ग्राम सभा सामुदायिक और सार्वजनिक रूप से ही निर्णय लिया कि विलैश खराड़ी और विश्वनाथ प्रताप सिंह को जिला कलेक्टर के द्वारा 7 जिलों से जिला बदल किया गया था। उसे अवैध और असंवैधानिक मानता है और इसे खारिज करता है।

तात्कालिक कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी और वर्तमान कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार को निर्देशित करती है कि रूडी प्रथा के क्षेत्र में आदिवासी को जिला बदलकर मानसिक और शारीरिक रूप से अवैध व असंवैधानिक रूप से परेशान किया। इसका 7 दिनों में लिखत स्पष्टीकरण करें। अन्यथा ग्राम सभा जुडिशल लॉ और नॉन जुडिशल लॉ के तहत गैर जिम्मेदारी के ऊपर कार्रवाई करेगी।

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