इंदौर में पढ़ाई के तनाव में एक बच्चे ने तीसरी मंजिल से छंलाग लगा दी। उसके दोनो पैरों में फ्रेक्चर हुए है। निजी अस्पताल में उसे भर्ती किया गया है। होमवर्क पूरा नहीं होने के कारण वह डिप्रेशन में था और उसने यह कदम उठाया।
घटना इंदौर के नंदानगर क्षेत्र की है। सातवीं कक्षा का छात्र नंदानगर के एक निजी स्कूल का छात्र है। वह सप्ताह भर से स्कूल नहीं जा रहा था। स्कूल से छात्र के नहीं आने की वजह पूछी तो परिजनों ने उसे समझाकर स्कूल भेजा। छात्र शुक्रवार को स्कूल गया, लेकिन वहां से उसने छंलाग लगा दी। इसके बाद स्कूल वालों ने परिजनों को फोन कर घटना की जानकारी दी। छात्र के परिजन स्कूल पहुंचे और बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है। छात्र के दोनों पैरों में मल्टीपल फ्रैक्चर हुए है। एड़ी में भी चोट आई है। छात्र के पैरों का आपरेशन भी किया गया है।
स्कूल जाते समय तनाव में नहीं था
परिजनों ने बताया कि बच्चे को सुबह स्कूल भेजा तो खुशी से गया। तनाव जैसी कोई बात नहीं थी, लेकिन आठ दिन से वह टीचर की मार के डर से स्कूल नहीं जा रहा था। छुट्टी के कारण उसका कोर्स अधूरा था और होमवर्क पूरा नहीं होने के कारण भी वह डरा-डरा रहता है। मामला पुलिस तक भी पहुंचा है। छात्र के अस्पताल में भर्ती होने के कारण उसके बयान नहीं हो पाए।
बैग फेंक कर कूद गया
स्कूल संचालक जुगल गुर्जर ने बताया कि छात्र शुक्रवार को स्कूल आया। आने के बाद उसने एक तरफ बैग फेंका और छंलाग लगा दी। आठ दिन से वह स्कूल नहीं आया था। बच्चे को स्कूल में कोई टीचर प्रताडि़त नहीं कर रहा था। वह होमवर्क नहीं होने के कारण तनाव में था।