धार्मिक अल्पसंख्यक के हितों की रक्षा करने और अमेरिकी कांग्रेस में उनके मुद्दों को उठाने के लिए कांग्रेसनल हिंदू कॉकस की घोषणा की गई। रिपब्लिकन सांसद पीटर और एलिस स्टेफानिम ने मंगलवार अमेरिकी संसद में इसकी घोषणा की।
धार्मिक अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करना हमारा उद्देश्य
मंगलवार को जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक 115वीं कांग्रेस के दौरान स्थापित कॉकस ने हिंदू-अमेरिकी समुदाय और नीति निर्माताओं के बीच संबंध बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका जारी रखी है। सत्र ने कहा कि कांग्रेसनल हिंदू कॉकस का उद्घाटन हमारे देश की राजधानी में हिंदू-अमेरिकी समुदाय की आवाज को पहचानने और बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हम उनकी चिंताओं को संबोधित करने उनके योगदान का जश्न मनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि उनके दृष्टिकोण को सर्वोच्च स्तर पर सुना जाए।
सिख, जैन और बौद्ध के सदस्य भी शामिल
साथ ही कहा गया कि कांग्रेसनल हिंदू कॉकस का उद्देश्य उन मूल्यों का प्रतिनिधित्व करना है, जो हिंदू-अमेरिकी समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है। बता दें कॉकस भारत, नेपाल, श्रीलंका, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, भूटान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, यूनाइटेड किंगडम और नीदरलैंड सहित कई देशों के हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करता है। जारी बयान के मुताबिक, इसमें सिख, जैन और बौद्ध के सदस्य भी शामिल हैं।
सांसदों के मुताबिक, ‘कांग्रेसनल हिंदू कॉकस’ मुक्त उद्यम, सीमित सरकार, वित्तीय अनुशासन, मजबूत पारिवारिक मूल्यों और सत्तावादी शासन के खिलाफ एक मजबूत विदेश नीति रुख की वकालत करता है। यह सक्रिय दृष्टिकोण न केवल वाशिंगटन में हिंदू-अमेरिकी उपस्थिति को मजबूत करता है बल्कि एक अधिक प्रतिनिधि और विविध राष्ट्र को आकार देने में इसके प्रभाव को भी बढ़ाता है।