केंद्रीय मंत्री का दर्जा और जीत न पाए विधायकी का चुनाव, जानें बीजेपी के उन सात सांसदों का क्या हुआ

राजनीति

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने इस बार विशेष रणनीति लागू की थी, जिसके तहत पार्टी ने अपने नेताओं संसद से निकाल कर विधायकी का टिकट दिया. इस रणनीति का बीजेपी को फायदा भी मिलता दिखा. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ मिलाकर बीजेपी ने 18 सासंदों को विधानसभा के चुनावी मैदान में उतारा था, जिनमें से एमप के लिए सात सांसद चुने गए. इन सात सांसदों में से पांच की मेहनत रंग लाई और बीजेपी का झंडा बुलंद किया. 

बीजेपी द्वारा उतारे गए सांसदों में दिमनी से नरेंद्र सिंह तोमर, नरसिंहपुर से प्रह्लाद पटेल, निवास से फग्गन सिंह कुलस्ते, जबलपुर पश्चिम से राकेश सिंह, सीधी से रीति पाठक, सतना से गणेश सिंह और गाडरवारा से उदय राव प्रताप सिंह शामिल थे. इनमें से दिमनी से फग्गन सिंह कुलस्ते और सतना से गणेश सिंह अपनी साख बचाने में नाकमयाब रहे. हालांकि, बाकी पांच सांसदों ने जीत हासिल की. ऐसे में माना जा सकता है कि बीजेपी की यह रणनीति लगभग 75 प्रतिशत सफल रही.

बीजेपी के पांच विधायकों ने हासिल की जीत
– दिमनी से नरेंद्र सिंह तोमर ने 79 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है. वहीं, दूसरे नंबर पर बसपा उम्मीदवार बलवीर सिंह दंडोटिया रहे, जो 24461 मतों से हारे. 
– प्रह्लाद पटेल नरसिंहपुर से 110226 वोट पाकर जीते हैं, उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के लखन सिंह पटेल को 78916 वोट मत मिले. 
– राकेश सिंह (जबलपुर पश्चिम) ने 96268 मत पाकर जीत हासिल की. वहीं, कांग्रेस के तरुण भनोट 30 हजार से ज्यादा वोटों से हारे. 
– सांसद रीति पाठक ने सीधी में बीजेपी का परचम लहराया और 88664 मतों से जीतीं. वहीं, कांग्रेस सांसद ज्ञान सिंह को 35 हजार से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा.
– उदय राव प्रताप सिंह ने गाडरवारा सीट से बीजेपी को 111811 मतों हासिल कर जीत दिलाई. जबकि कांग्रेस विधायक सुनीता पाटिल 56529 मतों से हारीं.

ये दो सांसद नहीं बचा सके सीट
बीजेपी के फग्गन सिंह कुलस्ते और गणेश सिंह वो दो सांसद रहे, जो विधायकी का चुनाव हार गए.
– निवास से फग्गन सिंह कुलस्ते को 89921 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार चैनसिंह को 99644 वोटों से जीत मिली. ऐसे में फग्गन सिंह 9 हजार से ज्यादा मतों से हारे हैं.
– सतना से बीजेपी उम्मीगवार गणेश सिंह को 66597 मिले जबकि सिद्धार्थ कुशवाहा ने 70638 वोट हासिल कर जीत पाई.

लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी की रणनीति तय?
गौरतलब है कि चुनावी रणनीति के तहत बीजेपी ने सियासी दांव खेलते हुए अपने सांसदों और मंत्रियों को विधायकी के लिए चुना और जीत भी हासिल की. पार्टी के लिए यह सोची-समझी रणनीति कारगर साबित होती नजर आई. अपनी इस स्ट्रैटजी से बीजेपी ने साबित कर दिया कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पार्टी इन विधानसभा चुनावों के हल्के में नहीं ले रही है, बल्कि अपनी पूरी ताकत झोंक रही है. 

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