मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सबसे ज्यादा चर्चित सीटों में से एक दतिया सीट पर नरोत्तम मिश्रा चुनाव हार गए हैं. इसके बाद बवाल हो गया है. नरोत्तम मिश्रा लंबे समय से दतिया सीट से चुनाव जीतते आ रहे थे. लेकिन उनको कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र भारती ने दस हजार से अधिक वोटों से चुनाव हरा दिया है. जब यह जानकारी सामने आई तो नरोत्तम मिश्रा के बेटे सुकर्ण मिश्रा बाहर निकल गए, इसके बाद उनके ऊपर पथराव हो गया, मामला यहीं नहीं रुका, इसके बाद आरोप है कि कांग्रेस समर्थकों ने उसके साथ मारपीट भी की गई है. बताया जा रहा है कि सुकर्ण मिश्रा के कपड़े तक फाड़ दिए गए हैं.
दरअसल, सुकर्ण मिश्रा अपने पिता की जीत को लेकर इतने आश्वस्त थे कि उन्होंने कई जगह जीत के पोस्टर-बैनर भी लगवा दिए थे, इसके बाद पूरे दिन से मतगणना केंद्र पर डटे हुए थे, जहां पर कई बार कांग्रेसियों और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के बीच तनातनी देखी गई. इसके बाद शाम होते होते जैसे ही अंतिम परिणाम आने वाले थे, तभी बवाल हो गया. पिता की हार के बाद सुकर्ण मिश्रा मतगणना स्थल से बाहर निकले तो वहां पर आरोप है कि कांग्रेसियों ने उनके साथ मारपीट कर दी. बता दें कि इससे ठीक पहले बातचीत की थी और पिता की हार स्वीकार की थी.
30 साल से चुनाव जीतते आ रहे थे नरोत्तम
नरोत्तम मिश्रा 1993 से लगातार बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे. वे 30 साल से लगातार चुनाव जीतते आ रहे थे. दिलचस्प बात यह है कि वे 1993 से 2008 तक ग्वालियर की डबरा सीट से चुनाव लड़ते रहे और जीतते रहे लेकिन डबरा सीट जैसे ही आरक्षित सीट हुई तो उनको ये सीट छोड़ना पड़ी और उसके बाद वे पहुंच गए दतिया. इस बार की हार के बाद नरोत्तम को मायूस कर दिया है.
पिछली बार हारते – हारते बचे थे नरोत्तम
दतिया सीट पर पहुंचते ही वे 2008 में चुनाव लड़े और इन्हीं राजेंद्र भारती के खिलाफ उन्होंने चुनाव लड़ा और जीता. तब से ही दोनों के बीच राजनीतिक अदावत भी चली आ रही है. दिलचस्प बात यह है कि 2008 से ही राजेंद्र भारती भी नरोत्तम मिश्रा के सामने कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ते रहे हैं. राजेंद्र भारती का सूखा इस बार समाप्त हुआ, उन्होंने 2008 का बदला अब जाकर नरोत्तम मिश्रा से लिया है. दस हजार से अधिक वोटों से उनको चुनाव हरा दिया है.