इस्राइल-हमास के बीच जारी युद्ध में अबतक 1400 इस्राइली नागरिकों की मौत हो चुकी है। वहीं गाजा पट्टी में करीबन 3000 लोगों जान गई है। मंगलवार को गाजा पट्टी स्थित अस्पताल में धमाके के बाद कई और लोगों के मारे जाने की खबर है। इस बीच हमास बंधक बनाए गए सैकड़ों इस्राइली नागरिकों को रिहा करने के लिए तैयार हो गया है, लेकिन इसके लिए उसने एक शर्त रखी है।
आईडीएफ ने नहीं ली हमले की जिम्मेदारी
मंगलवार को गाजा पट्टी में हुए हवाई हमले की जिम्मेदारी इस्राइली वायु सेना (आईडीएफ) ने नहीं ली है। आईडीएफ ने इस हमले के लिए फलस्तीनी इस्लामिक जिहाद सैन्य समूह के असफल रॉकेट लॉन्च को जिम्मेदार ठहराया है। इस्राइली वायु सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, आईडीएफ की परिचालन प्रणालियों के विश्लेषण के अनुसार, इस्राइल की तरफ रॉकेटों की श्रृंखला छोड़ी गई थी जो अस्पताल के आसपास से गुजरी और वहीं फट गई। इस हमले के लिए इस्लामिक जिहाद आतंकी संगठन जिम्मेदार है।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार इस्राइल के इस हमले में 300 लोगों की मौत हो गई है। वहीं गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस हमले में 500 लोगों के मरने की जानकारी दी है। फलस्तीन के एक अधिकारी ने मंगलवार को हुए इस हमले को नरसंहार बताया है। उन्होंने कहा, अब चुप्पी को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार हुआ हमास
शनिवार सात अक्तूबर को ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड बैटल के तहत हमास ने इस्राइल पर हमला किया था। इस हमले के दौरान आतंकियों ने सैकड़ों इस्राइली नागरिकों को गाजा पट्टी में बंधक बना लिया। हमास के उच्च स्तरीय अधिकारी ने बताया कि उन्होंने करीब 200-250 लोगों को बंधक बनाकर रखा है। मंगलवार को गाजा सिटी अस्पताल पर हमले के बाद हमास बंधक बनाए गए लोगों को रिहा करने को तैयार हो गया, लेकिन इसके लिए उसने इस्राइल के समक्ष एक शर्त रखी है। दरअसल हमास ने कहा कि यदि इस्राइल गाजा पर हमला करना बंद कर दे तो वह बंधकों को रिहा कर देगा।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बैठक के बाद कहा कि अमेरिका और इज़राइल गाजा नागरिकों के लिए चिकित्सा सहायता और जीवन किट की सुविधा के लिए बातचीत कर रहे थे। साथ ही, सोमवार को इस्राइल गाजा को पानी की आपूर्ति फिर से शुरू करने पर सहमत हुआ।