खैर नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया मिलावटखोरों पर सख्‍त फैसला, मिलावट की तो जाना होगा जेल!

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नई दिल्ली: सरकार भले ही मिलावटखोरी पर सख्त हो न हो, लेकिन देश की सबसे बड़ी अदालत काफी सख्त है। दूध में मिलावट के एक मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि खाने-पीने की चीजों में मिलावटखोरी संगीन मामला है। इसलिए हर हाल में मिलावटखोर को जेल जाना पड़ेगा। यह फैसला कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान सुनाया। दूध में मिलावट के एक मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि खाने-पीने की चीजों में मिलावटखोरी संगीन मामला है। दूध में मिलावटखोरी मामूली बात नहीं है, इसलिए आरोपी को बरी नहीं किया जा सकता और न ही मिलावट के मामले में न्यूनतम सजा को कम नहीं किया जा सकता है। न्यूनतम सजा को कम करना गलत होगा। खाने-पीने की चीजों के मानकों का पालन करना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने एक मिलावटखोरी के आरोपी को 06 महीने जेल की सजा सुनाई है। साथ ही यह हिदायत भी दी है कि मिलावटखोरी पर किसी भी तरह की नरमी की उम्मीद न रखें।

आपको बता दें की दूध उत्पादन के मामले में भारत दुनिया में सबसे आगे है। विश्व में सबसे ज्यादा मवेशी हमारे यहां है। इसके बाद भी यहां बिकने वाला 70 फीसदी दूध नकली है। और जब दूध ही नकली हो तो उससे बनने वाले उत्पादों की शुद्धता क्या होगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं हैं। ऐसा नहीं है कि मिलावट सिर्फ दूध तक ही सीमित है, बल्कि खाने-पीने की करीब-करीब हर चीजों में मिलावट होती है। अभी जब त्योहारों का मौसम चल रहा है और मिलावटखोरी भी खूब में चल रही है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कोई भी मिलावटखोर कानून के शिकंजे से अब बच नही पाएगा। पिछले कई सालों से इसी मिलावटखोरी चरम पर हैं त्योहारों के सीजन में यह मिलावटखोरी और बढ़ जाती हैं। मिलावटी वस्‍तुओं के खाने से हजारों लोग तमाम तरह के भयानक बीमारियों की चपेट में भी आ रहे हैं । कई बार मिलावटी खाद्य सामग्रियों के खाने से जान तक गंवानी पड़ती है। इसके इसके बावजूद मिलावटी मिठाइयां, दूध और खाने-पीने के अन्य सामान बाजारों में धड़ल्ले से बिक रहे हैं, इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। लेकिन देश की सुप्रीम कोर्ट को इस मिलावटखोरी से सख्त परहेज और नाराजगी है।

• जानिए किस खाद्य सामग्रियों में क्या-क्या मिलावट होता है :-

♂ दूध में सबसे ज्यादा पानी मिलाया जाता है, पानी के अलावा दूध में यूरिया, रिफाइंड ऑयल और सफेद रंग को मिलाकर भी नकली दूध बनाया जाता है। 
♂ चीनी में चॉक और चूना मिलाया जाता है। 
♂ घी में वनस्पति तेल और खुशबू के लिए एसेंस और रंग मिलाया जाता है। 
♂ चावल और गेहूं में पत्थर और मिट्टी मिलाई जाती है। 
♂ गेहूं के आटे में सिंघाड़े का आटा मिलाया जाता है।
♂ दालों में पत्थर-कंकड़ मिलाई जाती है दालों को पुराना दिखाने के लिए केमिकल रंगों का इस्तेमाल होता है। चाय पत्ती में इस्तेमाल की हुई पत्ती को रंगकर मिलाया जाता है। 
♂ कॉफी में इमली के बीज का चूरा मिलाया जाता है। 
♂ काली मिर्च में पपीते के बीज मिलाया जाता है।
♂ लाल मिर्च में ईंट के बुरादा मिलाया जाता है।

• क्या कहते है केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़े :-

♂ साल 2018-19 में जांच में खाने के 1/3 नमूने पास नहीं हुए। सबसे ज्यादा मिलावटखोरी उत्तर प्रदेश, पंजाब और तमिलनाडु में देखने को मिले थे।

♂ उत्तर प्रदेश में खाने के 19,173 नमूने में से 9,403 नमूने फेल हुए।

♂ पंजाब में 11,920 नमूने में से 3,403 नमूने मानकों पर खरे नहीं उतरे।
♂ तमिननाडु में 5,730 नमूने में से 2,601 नमूने जांच में फेल हो गए थे।
♂ मध्यप्रदेश के 7,063 नमूने में से 1,352 नमूने गलत पाए गए थे।
♂ जम्मू-कश्मीर में 3,600 नमूने में से 701 नमूने मानकों के मुताबिक नहीं पाए गये थे।

♂ साल 2016-17 में 78,000 नमूनों में से 18,000 नमूने जांच में फेल हुए थे।

♂ साल 2017-18 में 99,000 नमूनों में से 24,000 नमूने जांच में फेल हुए थे।

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