देवास के अमलताज गांव की नेहा ठाकुर ने भारत का मान बढ़ाया है। नेहा ने भारत को एशियन गेम्स के तीसरे दिन रजत पदक दिलाया। उन्हें महिला डिंगी नौकायन स्पर्धा (सेलिंग) में यह उपलब्धि मिली है। नेहा का अभियान कुल 32 अंक के साथ खत्म हुआ। उनका नेट स्कोर हालांकि 27 अंक रहा जिससे वह थाईलैंड की गोल्ड मेडल विजेता नोपासोर्न खुनबूनजान के बाद दूसरे स्थान पर रहीं। यह भारत के लिए एशियन गेम्स के तीसरे दिन यानी मंगलवार को ओवरऑल 12वां मेडल रहा। नेहा ठाकुर ने नेशनल सेलिंग स्कूल भोपाल से ट्रेनिंग की है। नेहा की उम्र अभी 17 वर्ष मात्र है। पिछले साल मार्च में नेहा ठाकुर और रितिका डांगी ने अबू धाबी में एशियाई सेलिंग चैम्पियनशिप में क्रमशः कांस्य पदक और स्वर्ण पदक जीता था। वहां पोडियम फिनिश ने उन्हें एशियाई खेलों के लिए क्वालीफाई करने में मदद की थी।
पिता किसान हैं, मां गृहिणी
नेहा मप्र के देवास जिले के अमलताज गांव में पैदा हुई हैं। नेहा मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं। उनके पिता मुकेश ठाकुर किसान हैं। जबकि उनकी माता रीना ठाकुर एक गृहिणी हैं। नेहा ने बहुत छोटी सी उम्र में नेशनल सेलिंग स्कूल भोपाल से अपनी नौकायन की यात्रा शुरू कर दी थी। नेशनल सेलिंग स्कूल भोपाल ने उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए उन्हें तैयार किया।
सोशल मीडिया पर छाई नेहा
एशियन गेम्स में तीन दिनों के भीतर ही भारतीय खिलाड़ियों ने दमदार प्रदर्शन पर अपनी तरफ लोगों का ध्यान खींच लिया है। नेहा की उपलब्धि पर फैंस बेहद खुश हैं। सोशल मीडिया पर लगातार नेहा को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। अधिकतर फैंस नेहा को इस कामयाबी के लिए शुभकामनाएं दे रहे हैं।