मेले में गुब्बारे फोड़ने के शौक ने दिलाया मध्यप्रदेश के ऐश्वर्य को एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल

खरगोन खेल मध्यप्रदेश

एशियन गेम्स में भारत ने दुनिया में शूटिंग स्पर्धा में अपना डंका बजवाते हुए पहला गोल्ड मेडल हासिल किया है। भारत की 10 मीटर एयर राइफल टीम ने चीन के हांगझू में चल रहे 19वें एशियन खेलों में नए विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता है। देश को मिली इस कामयाबी में मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के युवा निशानेबाज ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर का अहम योगदान रहा है। ऐश्वर्य ने इसके साथ ही साथ पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल की व्यक्तिगत शूटिंग स्पर्धा में भी तीसरे स्थान पर रहते हुए ब्रांज मेडल जीता है। प्रदेश के लाल की इस जीत के बाद उनके गृहग्राम झिरन्या के रतनपुर में उनके चाहने वालों ने मिठाइयां बांटकर खुशियां मनाईं। एशियाई खेलों में भारतीय टीम के शूटर्स रुद्राक्ष बालासाहेब पाटिल, दिव्यांश सिंह पंवार और ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर की जोड़ी ने देश को पहला गोल्ड दिलाया है। तीनों ने न सिर्फ देश के लिए मेडल जीता बल्कि सबसे अधिक प्वाइंट्स (1893.7) के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीतकर एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया। भारतीय शूटर्स की इस जीत में खरगोन जिले के ऐश्वर्य प्रताप सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उनकी इस जीत की खुशी में उनके गांव में लोगों ने मिठाइयां बांटकर खुशियां मनाईं। ऐश्वर्य के पिता वीरबहादुर सिंह ने देश को मिले इस गोल्ड पर खुशी जताते हुए बताया कि उन्हें पूरा विश्वास था कि उनका बेटा देश के लिए पदक जीतेगा। ग्रामीणों ने उनका सम्मान भी किया। ऐश्वर्य की जीत के बाद खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने भी इसे गौरवांवित क्षण बताते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट कर उन्हें बधाई दी है। इसके साथ ही एमपी शूटिंग एकेडमी के स्टार खिलाड़ी ऐश्वर्य प्रताप सिंह की बड़ी उपलब्धि बताया है। 

भाई को देख मेले में गुब्बारे फोड़ शुरू की शूटिंग 
शूटिंग स्टार ऐश्वर्य का जन्म 3 फरवरी 2001 को मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के एक राजपूत किसान परिवार में हुआ था। ऐश्वर्य के पिता को भी शूटिंग का शौक था और वे अक्सर शिकार पर जाया करते थे । ऐसे में उनके घर पर पहले से ही बंदूकें मौजूद थीं। वे अक्सर बचपन में मेले में गुब्बारे फोड़ते थे। हालांकि उनके भाई एक प्रोफेशनल शूटर थे जिन्हे देखकर ऐश्वर्य ने भी अपने इस शौक को आगे बढ़ाते हुए स्कूल में शानदार प्रदर्शन करने का लक्ष्य बना लिया था। साल 2015 में ऐश्वर्य ने भोपाल में मध्य प्रदेश शूटिंग अकादमी में वैभव शर्मा के तहत शूटिंग में अपना पेशेवर प्रशिक्षण शुरू किया। हालांकि कुछ तकनीकी कारणों से उन्हें 2015 में राष्ट्रीय स्तर पर शूटिंग में भाग लेने के लिए एक साल के लिए निलंबित भी कर दिया गया था। बावजूद ऐश्वर्य रुके नहीं। उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल इवेंट और 50 मीटर एयर राइफल इवेंट में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न शूटिंग प्रतियोगिताओं में अपना सफल प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया। हालांकि इनमें वे कोई मेडल नहीं ला पाए थे, लेकिन अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित जरूर किया था। इसके बाद साल 2019 में एशियाई एयरगन चैंपियनशिप में वो 10 मीटर राइफल के ब्रांज मेडलिस्ट रहे थे। बता दें कि इसी साल आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप के भी गोल्ड मेडलिस्ट रह चुके हैं। 

यहां भी मेडल की उम्मीद, कलेक्टर ने प्रशंसा की 
बता दें कि शूटिंग स्पर्धा में खरगोन जिले के रायबिड़पुरा की कल्पना बलिराम गुर्जर व विद्या कमल पटेल भी ब्रिज गेम्स में भारतीय टीम में शामिल है। अब ग्रामीण इन दोनों से भी मेडल की उम्मीद जता रहे हैं। स्पर्धा में 11 देशों की टीमें शामिल हुई है। टीम में आशा शर्मा, पूजा बत्रा, रिचा श्रीराम व मीनल ठाकुर हैं। इनमें कल्पना व विद्या चार से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में शामिल हो चुकी है। यहां गांव में 40 साल से ब्रीज खेला जा रहा है। इसके साथ ही 10 से ज्यादा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी मौजूद है। 27 सितंबर से स्पर्धा शुरू होगी। कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने ऐश्वर्य की प्रशंसा कर जिले के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया है। साथ ही कहा कि अब जिले की दो बेटियों से भी मेडल की उम्मीद है।

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