मध्यप्रदेश के गंधवानी से पूर्व मंत्री और विधायक उमंग सिंघार को दुष्कर्म के मामले में हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। हाई कोर्ट ने माना कि सिंगार और शिकायतकर्ता महिला के बीच पति-पत्नी के रिश्ते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि एक पत्नी पति के खिलाफ दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज नहीं करा सकती। सभी तथ्यों को देखने के बाद हाई कोर्ट ने सिंघार के खिलाफ उनकी पत्नी द्वारा दर्ज कराई गई दुष्कर्म की रिपोर्ट को निरस्त कर दिया है। उमंग सिंगार ने पुलिस द्वारा दर्ज एफआइआर को एडवोकेट विभोर खंडेलवाल के माध्यम से हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। गुरुवार को हाई कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए एफआइआर निरस्त कर दी।
विधायक निवास में दुष्कर्म करने का आरोप लगा था
सिंघार के खिलाफ उनकी पत्नी ने दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। उन पर आरोप लगाया गया था कि पीडब्ल्यूडी कार्यालय के पीछे विधायक निवास में उन्होंने नवंबर 2021 से लेकर 18 नवंबर 2022 के बीच दुष्कर्म किया। इसके साथ उन पर मारपीट कर अभद्र व्यवहार करने का भी आरोप लगा था। महिला ने विधायक पर अप्राकृतिक कृत्य किए जाने का भी आरोप लगाया था। नौगांव पुलिस ने इन सभी आरोपों के आधार पर उमंग सिंगार के खिलाफ आइपीसी की धारा 376, 377 और 498 के तहत प्रकरण दर्ज किया था।