अनंतनाग में लापता जवान का मिला शव, इलाके में सेना का सर्च ऑपरेशन जारी, अब तक चार शहीद

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शहीद मेजर आशीष के घर में हैं सिर्फ बीमार पिता

13 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों से लड़ते हुए मेजर धोंचक ने भी शहादत दे दी. 36 साल के शहीद मेजर आशीष धौंचक अपने परिवार में अकेले थे. आशीष के घर में सिर्फ बीमार पिता हैं.

घाटी में 2 से 3 आतंकी छिपे होने की आशंका

कश्मीर के जिस जंगल में चार अफसरों की शहादत हुई है, वहां लगातार आतंकियों की तलाश जारी है. पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चल रहा है. 2 से 3 आतंकियों के छिपे होने की आशंका है. ये आतंकी द रेजिस्टेंस फ्रंट यानी TRF से जुड़े हुए हैं. इनमें से एक आतंकी का नाम उज़ैर ख़ान बताया जा रहा है. उज़ैर खान का लश्कर के चीफ हाफिज सईद से सीधा कनेक्शन है.

दोपहर बाद होगा शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह का अंतिम संस्कार

अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान वीरगति को प्राप्त कर्नल मनप्रीत सिंह के भाई संदीप सिंह ने बताया, उनका पार्थिव शरीर 11:30 बजे तक मोहाली आएगा और 2 से 2:30 बजे के बीच उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

हजारों की संख्या में श्रद्धांजलि देने मेजर के नए घर पर पहुंचने लगे लोग

अनंतनाग जिले में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद होने वाले मेजर आशीष धौंचक (36) का पार्थिव देह पानीपत पहुंच गया है. उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव बिंझौल में किया जाएगा. उनके शव काे उनके TDI सिटी स्थित नए घर में लाया गया जो उन्होंने बनवाया था. जम्मू कश्मीर में शहीद मेजर आशीष का शव पहुंचा उनके उनके सपनों के मकान में हजारों की संख्या में श्रद्धांजलि देने के लिए लोग मेजर के आवास पहुंचने लगे हैं. गमगीन माहौल में मेजर को अंतिम विदाई दी जा रही है.

घने जंगल और ऊंची पहाड़ी पर सेना चला रही ऑपरेशन

भारतीय सेना के जवान अनंतनाग के पीर पंजाल इलाके में आतंकियों के खिलाफ लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. 4300 किलोमीटर के हिस्से में फैला ये पहाड़ी इलाका आतंकियों के छिपने का ठिकाना है. सर्च ऑपरेशन में इस इलाके के घने जंगल और ऊंचे पहाड़ भी चुनौती बने हुए हैं.

पुलिस का मुखबिर गद्दार निकला

देश को चार अफसरों की शहादत का देश झेलना पड़ा क्योंकि मुखबिर गद्दार निकला. उस मुखबिर ने आतंकवादियों को बता दिया था कि आर्मी और पुलिस कब आ रही है. उसने आतंकियों को बता दिया था कि टीम कैसे और कितनी संख्या में आ रही है. वो पुलिस का मुखबिर नहीं आतंकवादियों का एजेंट था. मतलब जाल बिछाकर हमला किया गया था.

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