उज्जैन में भतृहरि गुफा में CM योगी ने की पूजा अर्चना, गुरू गोरखनाथ से जुड़ा है नाता

उज्जैन मध्यप्रदेश

उज्जैन : भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए उज्जैन पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आखिरकार भतृहरि गुफा जाना ही पड़ा. उनके इस रहस्यमई गुफा में जाने को लेकर कई प्रकार के संशय भी बने हुए थे, मगर उन्हें भतृहरि गुफा अपनी और खींच लाई. उन्होंने भतृहरि गुफा में पूजा अर्चना की. इसके बाद में इंदौर के लिए रवाना हुए.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उज्जैन दौरे को लेकर कई प्रकार की असमंजस की स्थिति निर्मित हुई. पहले यह कहा जा रहा था कि वो केवल भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए आ रहे हैं. यहां महाकालेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना के बाद वापस इंदौर लौट जाएंगे. भतृहरि गुफा के गादीपति महंत रामनाथ महाराज ने भी इसी बात की पुष्टि की थी. उन्होंने यात्रा के एक दिन पहले तक यह कहा कि उत्तर प्रदेश के सीएम का भतृहरि गुफा आने का फिलहाल कोई समय और कार्यक्रम नहीं मिल पाया है. हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा था कि भतृहरि गुफा में उनके स्वागत और पूजा अर्चना की पूरी तैयारी की जा रही है. जब बुधवार को उत्तर प्रदेश के सीएम उज्जैन पहुंचे तो उन्होंने स्थिति स्पष्ट कर दी.

सीएम योगी ने महाकालेश्वर मंदिर में पूजा
सबसे पहले सीएम योगी ने महाकालेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की. इसके बाद महाकाल की भस्म आरती में भस्म रमाने वाले महानिर्वाण अखाड़े के महंत विनीत गिरी महाराज से उनके आश्रम जाकर भेंट की. इसके बाद उनका काफिला भतृहरि गुफा की ओर आगे बढ़ा. भतृहरि गुफा में योगी आदित्यनाथ का नाथ संप्रदाय के साधु संतों ने ढोल धमाके के साथ स्वागत किया. योगी आदित्यनाथ को गुफा के साधु संतों की ओर से एक विशाल त्रिशूल भी भेंट किया गया. बता दें सम्राट विक्रमादित्य के ज्येष्ठ भ्राता का नाम राजा भतृहरि था. पत्नी से बेवफाई के बाद उन्होंने वैराग्य का मार्ग अपनाते हुए इस गुफा में कई सालों तक तपस्या की. गुरु गोरखनाथ के शिष्य राजा भतृहरि को यहां से कई सिद्धियां प्राप्त हुईं.

भतृहरि गुफा में दो प्रमुख गुफाएं
भतृहरि गुफा में दो प्रमुख गुफाएं है, जिनमें एक गुफा में नीलकंठ विराजमान हैं, जबकि दूसरी गुफा में गुरू गोरखनाथ विराजमान है. इस रहस्यमई गुफा के अंदर ऑक्सीजन की कमी भी महसूस होती है. यहां पर गुफा के अंदर की ओर जाने वाले रास्ते को बंद कर रखा है. ऐसा कहा जाता है की गुफा से होकर जाने वाला रास्ता अंदर ही अंदर पाताल लोक से चारों धाम की ओर जुड़ जाता है. इस गुफा का एक हिस्सा काशी में भी निकलता है. वहां भी भतृहरि के नाम से प्राचीन गुफा है. उत्तर प्रदेश में जब विधानसभा चुनाव का दौर चल रहा था, उस समय लगातार भतृहरि गुफा में हलचल तेज हो गई थी. महंत रामनाथ महाराज के नेतृत्व में यहां पर मिर्ची हवन किया गया. मिर्ची हवन एक प्राचीन हवन पद्धति है, जिसके जरिए शत्रुओं की शक्तियों को कम किया जाता है.

भतृहरि गुफा तंत्र-मंत्र और सिद्धियों के लिए भी काफी प्रसिद्ध है. यहां पर उत्तर प्रदेश में दोबारा कुर्सी योगी आदित्यनाथ को मिले, इसके लिए लंबे समय तक पूजा, अर्चना, प्रार्थना और मिर्ची हवन किया गया. यह भी एक कारण है जिसकी वजह से योगी आदित्यनाथ को भतृहरि गुफा में शीश नवाने जाना पड़ा. भतृहरि गुफा नाथ संप्रदाय के लिए काफी पवित्र और सिद्ध स्थान है, जबकि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ नाथ संप्रदाय के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.

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