मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार की कैबिनेट में तीन नए विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई. विंध्य से राजेंद्र शुक्ला , महाकौशल से गौरीशंकर बिसेन ओर बुंदेलखंड से राहुल लोधी को मंत्रिमंडल में जगह मिली. एक सादे समारोह में राज्यपाल मंगूभाई छगनभाई पटेल ने तीनों विधायकों को शपथ दिलाई. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इन तीनों नए मंत्रियों को कौन से विभाग आवंटित किए गए हैं.
बता दें गौरीशंकर बिसेन अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं. माना जाता है कि महाकौशल क्षेत्र में उनका खासा प्रभाव है. वहीं राजेंद्र शुक्ला, ब्राह्मणों के बड़े नेता माने जाते हैं और विंध्य क्षेत्र में उनका असर है. वहीं राहुल लोधी, पूर्व सीएम और काबीना मंत्री रहीं उमा भारती के भतीजे हैं.
गौरीशंकर जहां बालाघाट विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, वहीं राजेंद्र शुक्ला, रीवा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसके अलावा राहुल लोधी, खड़गपुर विधानसभा क्षेत्र से एमएलए हैं.
अभी एमपी सरकार में कौन-कौन है कैबिनेट और राज्य मंत्री-
एमपी में शिवराज सिंह चौहान की सरकार में फिलहाल बतौर कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, तुलसीराम सिलावट, कुंवर विजय शाह, जगदीश देवड़ा, बिसाहूलाल सिंह, यशोधरा राजे,भूपेंद्र सिंह, मीना सिंह मांडवे, कमल पटेल, गोविंद सिंह राजपूत, बृजेंद्र प्रताप सिंह, विश्वास सारंग, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह, प्रेम सिंह पटेल, ओम प्रकाश सकलेचा, उषा ठाकुर, अरविंद सिंह भदौरिया, मोहन यादव, हरदीप सिंह डंग और राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव शामिल हैं.इसके अलावा राज्यमंत्रियों की सूची में भरत सिंह कुशवाहा, इन्दर सिंह परमार, रामखेलावन पटेल, राम किशोर (नानों) कांवरे, बृजेंद्र सिंह यादव, सुरेश धाकड़ और ओपीएस भदौरिया शामिल हैं. राज्य सरकार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मिलाकर कुल 34 मंत्री हैं, जिसमें से सात राज्य मंत्री हैं.
5 साल में एमपी को मिले दो मुख्यमंत्री
राज्य में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं. चुनाव से कुछ महीने पहले हो रहे इस मंत्रीमंडल विस्तार के संदर्भ में माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी किसी को नाराज नहीं करना चाहती. साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कमलनाथ की अगुवाई में सरकार बनाई थी. हालांकिल साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद मार्च में सरकार गिर गई और अगले दिन शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.