इंदौर के हिस्से फिर एक उपलब्धि आई है। स्मार्ट सिटी की सात कैटेगरी में इंदौर को पुरस्कार हासिल हुए हैं। सबसे ज्यादा पुरस्कार इंदौर को ही मिले हैं। दूसरे क्रम पर सूरत और तीसरे क्रम पर आगरा शहर है।
नदियों को साफ करने, वायु प्रदूषण कम करने, कचरे से सीएनजी बनाने जैसे इंदौर में हुए कामों के कारण यह पुरस्कार मिला है। सबसे ज्यादा अवॉर्ड पाने वालों राज्यों में मध्य प्रदेश पहले स्थान पर रहा है। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने बेस्ट स्टेट अवॉर्ड मिलने पर मध्य प्रदेश को ट्वीट कर बधाई दी। उन्होंने बताया कि राज्य के सात शहरों में 779 प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इन पर 15 हजार करोड़ से अधिक की राशि खर्च हो रही है।
नेशनल काॅन्फ्रेंस की मेजबानी का मौका भी मिला
खास बात यह है कि स्मार्ट सिटी की नेशनल काॅन्फ्रेंस की मेजबानी का मौका भी इस बार इंदौर को मिला है। 27 सितंबर को इंदौर में होने वाले राष्ट्रीय स्तर के इस आयोजन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों मेयर पुष्य मित्र भार्गव और सांसद शंकर लालवानी यह पुरस्कार लेंगे। मेयर भार्गव ने कहा कि पुरस्कार की असली हकदार इंदौर की जनता है। उनकी सहभागिता से ही इंदौर को लगातार सफलता मिल रही है। स्वच्छता में भी सातवीं बार इंदौर सरताज होगा।
भोपाल को हेरिटेज बिल्डिंग के जीर्णोद्धार के लिए पुरस्कार
स्मार्ट सिटी के तहत हुए कान्ह नदी के आसपास कृष्णपुरा छत्री से रामबाग ब्रिज तक बने रिवर फ्रंट, वेल्यू कैपिटल फाइनेंसिंग, गोबरधन बायो सीएनजी प्लांट, अहिल्या वन, वर्टिकल गार्डन व एयर क्वालिटी में सुधार,सरस्ती व कान्ह नदी रिवर प्रोजेक्ट, कोविड इनोवेशन श्रेणी में सात पुरस्कार इंदौर ने हासिल किए हैं। इंदौर के अलावा मध्य प्रदेश के भोपाल को हेरिटेज बिल्डिंग के जीर्णोद्धार के लिए पुरस्कार मिले हैं।
ग्वालियर, सागर, जबलपुर को भी पुरस्कार
ग्वालियर और सागर को इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम श्रेणी में पुरस्कार मिला है। जबलपुर को 311 एप के सफल क्रियान्वयन, इन्क्यूबेशन सेंटर के मामले में पुरस्कार मिला है। स्मार्ट सिटी पुरस्कार की अलग-अलग श्रेणियों में 845 प्रविष्टियां आई थीं। उनमें से 66 शहरों को पुस्कार के लिए चुना गया है।