पिछले 4 दशकों से नक्सलवाद का दंश झेल रहे छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में इस साल 600 नक्सल मुक्त गांव में धूमधाम से ग्रामीणों ने आजादी का पर्व मनाया. दरअसल अब तक नक्सली इन गांवों में लोकतंत्र का विरोध करते हुए स्वतंत्रता दिवस को काला दिवस के रूप में मनाते थे. न चाह कर भी ग्रामीणों को नक्सलियों के इस फरमान का पालन करना पड़ता था, लेकिन पिछले कुछ सालों से एक के बाद एक कुल 600 गांव नक्सल मुक्त होने के बाद अब यहां ग्रामीण गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराने के साथ धूमधाम से इस पर्व को मना रहे हैं. वहीं संभाग के करीब 8 से अधिक गांव में इस साल आजादी के 77 साल बाद पहली बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराया गया, और इस दौरान ग्रामीणों में इस पर्व को लेकर काफी खुशी देखने को मिली.
3 सालों में 40 से ज्यादा नए पुलिस कैंप खोले गए
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि बीते 40 सालों से बस्तर में नक्सलवाद हावी होने की वजह से नक्सल क्षेत्र के गांव में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा झंडा नहीं फहराया जाता था. ग्रामीणों में नक्सलियों की दहशत इस कदर थी कि चाहकर भी ग्रामीण देश के राष्ट्रीय पर्व को नहीं मना पाते थे. नक्सली अपनी हुकूमत चला कर स्वतंत्रता दिवस को काला दिवस के रूप में मनाते थे. बस्तर में पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती के बाद और छत्तीसगढ़ पुलिस के जवानों साहस से लगातार एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाकर नक्सलियों को बैकफुट पर लाने का काम जवानों ने किया.
साथ ही पिछले 3 सालों में घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में 40 से अधिक नए पुलिस कैंप खोले गए इसी का नतीजा रहा कि पिछले सालों से जवानों के लगातार प्रयास से अब तक बस्तर संभाग के 600 गांव पूरी तरह से नक्सल मुक्त हुए हैं. इनमें सबसे ज्यादा गांव सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर, बस्तर के शामिल है, इन गांव को नक्सल मुक्त कराकर ना केवल ग्रामीणों तक विकास कार्य पहुंचाने का काम किया जा रहा है, बल्कि देश के राष्ट्रीय पर्व को धूमधाम से मना सके इसके लिए ग्रामीणों को भयमुक्त किया जा रहा है. इन क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा स्कूल खोले गए, अब आलम यह है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के हर स्कूल में आजादी के पर्व को धूमधाम से मनाया जा रहा है, और बाकायदा जहां नक्सली कभी काला झंडा फहराते थे अब यहां शान से तिरंगा लहरा रहा है और बाकायदा ग्रामीण आजादी के पर्व को धूमधाम से मना रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि देश को आजाद हुए 77 साल बीत गए हैं लेकिन इस साल नक्सलियों के भय से मुक्त होकर धूमधाम से वे आजादी का पर्व मना रहे हैं.
संभाग के 15 गांव में पहली बार लहराया तिरंगा
इधर इस साल पहली बार जिन गांव में आजादी का पर्व मनाया गया और ध्वजारोहण किया गया इसमें बीजापुर जिले के 1 गांव , बस्तर जिले के एक गांव और सुकमा में 6 गांव में पहली बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण किया गया और ग्रामीणों ने धूमधाम से आजादी के पर्व को मनाया. इस दौरान ग्रामीणों के साथ पुलिस के जवान भी मौजूद रहे. बकायदा ग्रामीणों ने राष्ट्रगान गाकर तिरंगे झंडे को सलामी भी दी.