मध्य प्रदेश के हरदा और देवास जिले की सीमा पर बसे नेमावर में सोमवार (31 जुलाई) को 35 परिवारों के लगभग 190 महिला पुरुष ने घर वापसी की है. ये धर्म परिवर्तन जीवनदायिनी मां नर्मदा के तट पर संतों के सानिध्य में हुआ. धर्म परिवर्तन करने वालों परिवारों ने हिंदू धर्म में वापसी करने के बाद खुशी जताते हुए कहा कि अपने पूर्वजों के धर्म में वापसी कर खुशी हो रही है.
दरअसल, ये मामला खातेगांव तहसील के जामनेर ग्राम और उसके आसपास के क्षेत्र का है, जहां सोमवार (31 जुलाई) 35 परिवारों ने मुस्लिम से दोबारा हिंदू धर्म में वापसी की. संतों ने धर्म परिवर्तन करने वालों का सबसे पहले मंत्रोच्चारण कर शुद्धीकरण करवाया.
इसके बाद मुंडन संस्कार करवा कर नर्मदा नदी में स्नान करवाया और जनेऊ संस्कार किया. बाद में संतों ने आहुति देकर उनका नामकरण किया. इसके बाद धर्म परिवर्तन करने वाले लोग प्राचीन सिद्धेश्वर मंदिर पहुंच कर पूजा अर्चना की और शंभू भोलेनाथ के जयकारे लगाए.
परिस्थितिवश अपनाया था इस्लाम धर्म- मोहम्मद शाह
धर्म परिवर्तन करने मोहम्मद शाह ने कहा कि परिस्थितिवश हमने इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था लेकिन आज भी हमारे रक्त में पूर्वजों का खून दौड़ रहा है. जिसने हमको हमारी जड़ो से जोड़े रखा था.
एक अन्य धर्मांतरण करने वाले रफीक ने बताया कि वह अब रामा हो गए हैं. उन्होंने कहा कि हम भटक गए थे आज हमारी घर वापसी हुई है. धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम से हिंदू बनी महिलाओं ने भी इस पर खुशी जताई, जहां उन लोगों ने चर्चा के दौरान कहा अब हम हिंदू बन गए हैं.
धर्म परिवर्तन करने पर आनंद गिरि महाराज ने क्या कहा?
आनंद गिरि महाराज ने बताया कि जिन परिवारों की घर वापसी हुई है, उनके पूर्वजों ने किसी वजह से अपने धर्म को छोड़कर अन्य धर्म अपना लिया था. सभी लोगों ने संतों के आशीर्वाद से आज दोबारा अपने मूल सनातन धर्म में वापसी की है. इस दौरान सभी लोगों का विधि विधान से सनातन धर्म में वापसी कराई गई, साथ ही विशेष स्नान कराए गए. जिससे इनकी धर्म में वापसी हो सके जिन लोगों ने सनातन धर्म अपनाया है. उन्होंने आज एक स्वर में इस बात का वचन लिया कि अब वे सनातन धर्म में रहकर इसका पालन करेंगे.