मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कटनी नगर निगम पर नाराजगी जताते हुए चेतावनी दी है। दरअसर बार-बार अवसर देने के बाद भी कटनी नगर निगम ने कोर्ट में जवाब पेश नहीं किया था। गुरुवार को कटनी नगर निगम ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान जवाब पेश करने समय प्रदान करने का आग्रह किया था। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने अंतिम अवसर प्रदान करते हुए कहा है कि अगली सुनवाई के दौरान जवाब पेश नहीं किया जाता है तो 5 लाख रुपये की कॉस्ट लगाई जाएगी।कटनी निवासी गायत्री सोनी व अन्य की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि नगर सुधार न्यास द्वारा दुगारी नाला स्थित भूमि पर योजना क्रमांक-2 के तहत एक आवासीय कॉलोनी विकसित की जानी थी। नगर सुधार न्यास का साल 1994 में नगर निगम में विलय हो गया। वर्तमान में उक्त क्षेत्र पं. मुंदर शर्मा नगर नाम से प्रचलित है। याचिकाकर्ताओं ने 1994 से वर्ष 2000 के बीच अलग-अलग वर्षों में नगर सुधार न्यास से 30 वर्ष के लिए लीज का रजिस्टर्ड अनुबंध किया था। विलय के बाद भी याचिकाकर्ता लीज रेंट अदा कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक कब्जा नहीं दिया गया। इसके कारण उक्त याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने एकलपीठ को बताया कि कटनी नगर निगम ने कई अवसर दिए जाने के बावजूद भी जवाब पेश नहीं किया है। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने उक्त आदेश जारी किए। याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता सिद्धार्थ गुलाटी ने पैरवी की।
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