पुलिस अधिकारियों से शिकायत करने के लिए मिलेंगे वीडियो कॉन्फ्रेंस के स्लॉट, घर-दफ्तर से कर सकेंगे बात

इंदौर

इंदौर मध्यभारत का प्रमुख शहर है। यहां पर पुलिस की चुनौतियां भी अन्य शहरों की अपेक्षा ज्यादा हैं। इन सबके बीच इंदौर पुलिस किस तरह से अपराधों पर लगाम कसने की तैयारी कर रही है और भविष्य में क्या-क्या नवाचार होने जा रहे हैं। इन प्रमुख विषयों पर इंदौर पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर ने बताया कि सबसे स्वच्छ शहर अब अपनी पुलिस व्यवस्था को ऑनलाइन करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। कमिश्नर कार्यालय से 20 दिन में पहुंचने वाली फाइल अब ऑनलाइन माध्यमों से तीन दिन में थाने पहुंचेगी। इसके साथ उन्होंने यह भी बताया कि इंदौर में ड्रग्स सबसे बड़ी समस्या बन रहा है और सायबर अपराध सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि हर तीन महीने में इसका पैटर्न बदल रहा है।

प्र. अपराधों की रोकथाम के लिए इंदौर पुलिस क्या इनोवेशन कर रही है?
उ. इंदौर पुलिस ने पिछले कुछ समय में कई इनोवेशन किए हैं। इनसे जनता को बहुत लाभ पहुंचा है –

  1. कमिश्नर ऑफिस में जल्द ही वीसी (वीडियो कॉन्फ्रेंस) के माध्यम से डीसीपी से बात करने की सुविधा मिलने वाली है। इसमें जनता को स्लाट दिए जाएंगे और वे तय समय पर अपने घर या फिर अपने ऑफिस से डीसीपी से बात कर पाएंगे। इसके साथ जो भी गंभीर शिकायतें आएंगी फिर उन पर डीसीपी, थाना प्रभारी और आवेदक साथ बैठकर यहां समस्या को सुलझाने का प्रयास करेंगे।
  2. पुलिस कमिश्नर ऑफिस को ई ऑफिस बनाया गया है। पहले यहां पर आने वाली शिकायत को थाने तक पहुंचाने में 20 दिन लगते थे। अब सभी कागज स्कैन करके उन्हें तीन दिन के अंदर संबंधित थाने पर पहुंचा दिया जाता है।
  3. शहर से अपहरण होने या गायब होने वाले बच्चों को तलाशने और उनकी मदद करने के लिए आईआईएम इंदौर से अनुबंध किया गया है। इसके तहत आईआईएम हर बच्चे की केस स्टडी कर रहा है। इससे हमें यह पता चल रहा है कि वे क्या कारण हैं जिनकी वजह से बच्चे घर छोड़कर जा रहे हैं। गायब होने वाले बच्चों में लड़कों की तुलना में चार गुना लड़कियां हैं।
  4. एक ही जगह पर सभी पुलिस अधिकारियों के दफ्तर बनाए गए हैं। इससे जनता को अधिकारियों से मिलने के लिए अलग-अलग भटकना नहीं पड़ता है।

प्र. इंदौर में क्राइम का पैटर्न किस तरह से बदल रहा है?
उ. पिछले कुछ सालों में इंदौर में सायबर अपराधों ने सभी अपराधों को पीछे छोड़ दिया है। इसमें बहुत तेजी से इजाफा हुआ है। अपराधी हर तीन महीने में सायबर क्राइम का पैटर्न बदल रहे हैं। पुलिस जनता को जितना जागरूक करती है अपराधी उतने ही नए तरीके निकाल लेते हैं।

प्र. इंदौर पुलिस सायबर अपराधों से निपटने के लिए खुद को किस तरह से तैयार कर रही है?
उ. पुलिस अधिकारियों को समय समय पर ट्रेनिंग दिलाई जा रही है। इसके अलावा हमने यह आब्जर्व किया है कि नए सायबर अपराध सबसे पहले दिल्ली, नोएडा, गुडगांव, बेंगलुरु जैसे शहरों में होते हैं फिर वहां से अगले चरण में इंदौर को शिकार बनाया जाता है। हम लगातार वहां होने वाले नए तरीके के अपराधों पर नजर रखते हैं और तुरंत खुद को ट्रेंड करते हैं। इससे हमें इंदौर में होने वाले अटैक से निपटने में आसानी होती है।

प्र. इंदौर में पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्या है?
उ. इंदौर में ड्रग्स पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभर रहा है। इंदौर में कई शहरों से ड्रग्स आता है और इसमें बहुत लोग सक्रिय हैं। पुलिस इसमें सिर्फ सूत्रों से मिलने वाले इनपुट पर निर्भर करती है। पहले से हम कोई प्लानिंग भी नहीं बना पाते क्योंकि ड्रग्स शहर में आने पर ही तुरंत एक्शन लेना होता है।

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