अलीराजपुर जिले में पुलिसकर्मियों ने एक आदिवासी परिवार के 240 सोने के सिक्के चुरा लिए। एक सिक्के की कीमत तीन से चार लाख रुपए बताई जा रही है। जब परिवार के लोग थाने शिकायत करने पहुंचे तब मामले का खुलासा हुआ। परिवार को यह सिक्के एक घर की खुदाई के दौरान मिले थे। जिले के पुलिस अधीक्षक हंसराज सिंह ने बताया कि सोंडवा थाने के प्रभारी और अन्य तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। सभी फरार है। उनकी तलाश की जा रही है। एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का भी गठन किया गया है।
कैसे पता चला मामला
अलीराजपुर जिले की रामकुबाई ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें और उनके परिवार को गुजरात के नवसारी जिले में एक पुराना घर तोड़ते समय सोने के सिक्के मिले थे। लंदन में रहने वाले घर के मालिक इम्तियाज बलिया ने पुराने घर को तोड़ने का काम एक ठेकेदार को दिया था, जिसने रामकुबाई और उसके परिवार के सदस्यों को इस काम पर लगाया था। रामकुबाई ने कहा कि वे 240 सोने के सिक्के अपने गांव बाजदा वापस ले आए और उन्हें अपने घर के अंदर दफना दिया। पुलिस कर्मियों को कहीं से इसकी भनक लग गई। 19 जुलाई की सुबह, सोंडवा पुलिस स्टेशन के प्रभारी विजय देवड़ा कांस्टेबल राकेश, वीरेंद्र और सुरेंद्र के साथ कथित तौर पर सादे कपड़ों में और एक निजी वाहन में पहुंचे, परिवार के साथ मारपीट की और सिक्के लेकर चले गए। रामकुबाई जब पुलिस स्टेशन शिकायत के लिए आई तो वह अपने साथ एक सिक्के को लेकर आई थी। इसके बाद 20 जुलाई को पुलिस ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 379 के तहत चोरी की प्राथमिकी दर्ज की।
कैसे हैं सिक्के
इसकी पहचान 1922 में ब्रिटिश टकसाल में ढाले गए एक सीमित संस्करण वाले सिक्के के रूप में की गई है। इसका वजन 7.08 ग्राम है और इस पर किंग जॉर्ज VI की तस्वीर है। सिक्के में 90 प्रतिशत सोना है। एसआईटी के सदस्यों का मानना है कि लॉट के सभी सिक्के एक ही श्रेणी के होने की संभावना है। मुद्राशास्त्रियों के हवाले से बताया जा रहा है कि ब्रिटिश काल के जिन सिक्कों पर ‘एक मोहर’ या ‘दो मोहर’ की मोहर लगी होती है, उनकी कीमत आमतौर पर 3-4 लाख रुपए के बीच होती है।
जांच के लिए दो पुलिस टीम बनी, एक गुजरात गई
एसआईटी प्रमुख एसएस सेंगर ने कहा कि जांच टीम दो भागों में बंट गई है, एक टीम रामुकबाई और उसके परिवार के साथ गुजरात के लिए रवाना हो गई है और दूसरी टीम लापता पुलिसकर्मियों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। रामकुबाई और उसके परिवार को गुजरात ले गई एसआईटी टीम घर के मालिक और घर को तोड़ने का ठेका लेने वाले व्यक्ति से पूछताछ करने की कोशिश कर रही है। इम्तियाज बलिया और शब्बीर भाई बलिया बिलिमोरा में बाजार मस्जिद के सामने स्थित संपत्ति के मालिक हैं। घर, वास्तव में एक-दूसरे से जुड़ी दो संपत्तियाँ थीं, जिनका दोनों मालिकों के बीच बँटवारा कर दिया गया था। इम्तियाज बलिया, जो वर्तमान में लंदन में रहते हैं, उन्होंने संपत्ति के जीर्ण-शीर्ण हिस्से का नवीनीकरण करने का फैसला किया था, जिसके कारण खजाने का पता चला। यह बिलिमोरा में स्थानीय पुलिस और राजस्व विभाग से भी जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या गायब हुए सोने के सिक्कों के संबंध में कोई शिकायत की गई थी।
भाजपा विधायक ने किया घेराव
रविवार को अलीराजपुर के पूर्व विधायक और मध्य प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष नागर सिंह चौहान और अन्य लोगों ने सोंडवा थाने का दो घंटे तक घेराव किया। चौहान ने मांग की कि चारों पुलिसकर्मियों पर चोरी के बजाय लूटपाट का मामला दर्ज किया जाए और सोने के सिक्के बरामद किए जाएं।
आरोपी पुलिसकर्मियों ने वीडियो जारी किया
जांच और हंगामे के बीच निलंबित थाना प्रभारी विजय देवड़ा और कांस्टेबल वीरेंद्र ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर आरोपों से इनकार किया है और जिले के बाहर के पुलिस अधिकारियों से जांच कराने की मांग की है।