हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर में वायरल वीडियो की घटना पर गुरुवार (20 जुलाई) को पीएम मोदी ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. पीएम मोदी ने संसद सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि घटना से बहुत दुखी हूं और इस मामले में दोषियों को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जाएगा.
आज जब लोकतंत्र के मंदिर के पास खड़ा हूं, तब मेरा मन क्रोध और पीड़ा से भरा हुआ है, किसी भी सभ्य समाज के लिए ये शर्मसार करने वाली घटना है. पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं, कौन हैं, वो अपनी जगह पर है, लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है. 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है.
‘मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ उसे…’
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सभी मुख्यमंत्रियों से अपील है कि वह अपने राज्यों में कानून व्यवस्था मजबूत करें. घटना चाहे राजस्थान की हो, छत्तीसगढ़ की हो या मणिपुर की हो, कानून व्यवस्था कायम करें जहां पर नारी का सम्मान किया जाए. किसी भी गुनाहगार को नहीं बख्शा जाएगा. मणिपुर की इन बेटियों के साथ जो हुआ है, इसको माफ नहीं किया जा सकता है.
सावन का पवित्र मास चल रहा है. इस बार तो डबल सावन है. इसलिए सावन की अवधि भी थोड़ी ज्यादा है. सावन मास पवित्र कार्यों के लिए अति उत्तम माना जाता है. आज जब लोकतंत्र के मंदिर में सावन के पवित्र मास में मिल रहे हैं. लोकतंत्र का मंदिर ऐसे पवित्र कार्य करने के लिए इससे बढ़िया अवसर नहीं हो सकता है.
संसद सत्र को लेकर क्या बोले पीएम मोदी?
पीएम मोदी ने कहा कि उनको विश्वास है कि सभी सांसद मिलकर इस सत्र का जनहित में सर्वाधिक उपयोग करेंगे. संसद की जो जिम्मेवारी है और संसद में हर सांसद की जो जिम्मेवारी है, ऐसे अनेक कानूनों का बनाना, उस पर विस्तार से चर्चा करना बहुत ही आवश्यक है. चर्चा जितनी ज्यादा पैनी होती है, उतना जनहित में दूरगामी परिणाम देने वाले अच्छे निर्णय होते हैं.
संसद में जो सांसद आते हैं, वे धरती से जुड़े हुए होते हैं, जनता के दुख और दर्द को समझने वाले होते हैं. चर्चा होती है तो उनकी ओर से जड़ों से जुड़े हुए विचार आते है. चर्चा समृद्ध होती है, तो निर्णय भी परिणामकारी होते हैं.
ये सत्र महत्वपूर्ण है. इस सत्र में जो बिल लाए जा रहे हैं, वे सीधे सीधे जनता के हितों से जुड़े हुए हैं. युवा पीढ़ी डिजिटल वर्ल्ड का नेतृत्व कर रही है, उस समय डेटा प्रोटेक्शन बिल देश के हर नागरिक को एक नया विश्वास देने वाला बिल है. विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला भी है. नेशनल रिसर्च फाउंडेशन नई शिक्षा नीति के संदर्भ में एक नया कदम है. सदन में गंभीरता से इन बिलों पर चर्चा करेंगे और राष्ट्रहित के कार्यों को आगे बढ़ाएंगे.