सर्व सेवा संघ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी. संघ ने यह याचिका बीजेपी सरकार द्वारा वाराणसी स्थित संघ परिसर को खाली करने और उसे ढहाने की जिला प्रशासन की कार्यवाही के खिलाफ दायर की है. जिला प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ गांधीवादियों का राजघाट पर प्रदर्शन पिछले 50 दिनों से जारी है. दरअसल, सर्व सेवा संघ की जमीन और भवन बचाने के लिए संस्था से जुड़े लोग राजघाट पर लंबे समय से धरना पर बैठे हैं.
महात्मा गांधी के पौत्र राजमोहन गांधी ने इसे बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी भी लिखी है. उन्होंने इस मामले में पीएम और सीएम से दखल देने की मांग की है. प्रियंका गांधी ने जिला प्रशासन के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि संघ भवन को तोड़ने की कार्रवाई को जनता कभी माफ नहीं करेगी.
भवन और जमीन गांधी और जेपी की विरासत
सत्याग्रह पर बैठे लोगों का कहना है कि सर्व सेवा संघ भवन महात्मा गांधी, जय प्रकाश नारायण और संत विनोबा की विरासत है. इस संगठन की स्थापना देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने की थी. इसका मकसद लोगों के बीच गांधी जी के विचारों का प्रचार-प्रसार करना था. इन्हीं महापुरुषों के नेतृत्व में यह जमीन भी खरीदी गई थी. यह भवन गांधी स्मारक निधि एवं जयप्रकाश नारायण जी द्वारा किए गए दान-संग्रह से बनवाया गया था.
गांधी की विरासत पर हमले का डटकर करेंगे विरोध
जिला प्रशासन इसे अवैध बताकर सर्व सेवा संघ भवन को तोड़ने का फैसला लिया है. बीजेपी सरकार और जिला प्रशासन की कार्यवाही को गांधी की विरासत पर हमला माना जा रहा है. संघ लोगों ने का कहना है कि हम लोग शर्मनाक कार्यवाही की घोर निंदा करते हैं और संकल्प लेते हैं कि महात्मा गांधी की विरासत पर हो रहे हर हमले के खिलाफ डटकर खड़े रहेंगे. हमारे देश के महानायकों और राष्ट्रीय विरासत पर बीजेपी वालों के हमले को देश की जनता कभी बर्दाश्त नहीं करेगी.
बता दें कि सर्व सेवा संघ का मकसद सत्य और अहिंसा पर आधारित ऐसे समाज की स्थापना करना है, जिसमें जीवन मानवीय तथा लोकतांत्रिक मूल्यों से अनुप्राणित हो, जो शोषण, दमन, अनीति और अन्याय से मुक्त हो तथा जिसमें मानव-व्यक्तित्व के समग्र विकास के लिए पर्याप्त अवसर हो.