इंदौर: रेसीडेंसी कोठी से चिडि़याघर को रालामंडल मेें शिफ्ट करने के लिए की मांग को लेकर इंदौर में एक महिला संगठन ने रैली निकालने का घोषणा की। रैली के उद्देश्य को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा चलने लगी कि आखिर महिला संगठन की प्राणी संग्रहाल को शिफ्ट कराने में क्या रुचि है।
पिछले साल वन मंत्री विजय ने भी इसके लिए बैैठक बुला थी, लेकिन निगम ने करोड़ों रुपये प्राणी संग्रहालय के विकास पर खर्च कर रखे है। निगम की तत्कालीन मेयर मालिनी गौड़ ने भी प्राणी संग्रहालय को शिफ्ट करने का विरोध किया था। अब सालभर बाद एक महिला संगठन के सहारे फिर इसका माहौल बनाने की कोशिश की गई, लेकिन रैली के उद्देश्य पर सवाल उठने लगे तो फिर रैली को हरी झंडी दिखाने वाले ट्रैफिक डीसीपी मनीष अग्रवाल ने भी पल्ला झाड़ लिया।
शहर मेें एडब्लूआई भारत एडवेंचर वूमेन ग्रुप ने रविवार सुबह छह बजेे वाहन रैली का आयोजन किया, लेकिन महिला सदस्यों के हाथ मेें ट्रैफिक का पालन करने वाली तख्तियां थी। रैली के जरिए चिडि़याघर को रालामंडल में शिफ्ट करने की मांग दब गई। रैली की शुरूआत रीगल तिराहा से की गई, जो चिडि़याघर से होते हुए रालामंडल पर समाप्त हुई, लेकिन सदस्यों ने ट्रैफिक नियमों का पालन करने की अपील वाहन रैली के माध्यम से की।
इस रैली को ट्रैफिक डीसीपी मनीष अग्रवाल हरी झंडी दिखाने वाले थेे, लेकिन वे भी सुबह नहीं आए। उल्लेखनीय है कि रेसीडेंसी में 100 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में चिडि़याघर बना है। इसके तीनों तरफ मार्ग है और जमीन का मूल्य करोड़ों रुपये है। रेसीडेंसी से चिडि़याघर को शिफ्ट कर उसकी जमीन पर दूसरा प्रोजेक्ट लाने की कवायद भी चल रही है।