एमटीएच अस्पताल में बच्चे की मौत को लेकर गुरुवार को हल्ला मचा रहा, लेकिन लापरवाही का आलम यह था कि अस्पताल के कर्मचाारियों ने दूसरे बच्चे का शव दे दिया। जब परिजन शव को दफनाने के लिए मुक्तीधाम ले जाने लगे, तब अस्पताल के कर्मचारी का फोन आया और कहा कि कहा कि बच्चे के शव के पैर में टेग नहीं लगाया। इसलिए बच्चे का शव लेकर वापस अस्पताल आ जाअेा। बच्चे के पिता ने मना किया तो कहा गया कि यदि बच्चे को नहीं लाए तो उसका मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बनेेगा। कर्मचारी बच्चे का शव बदलने की बात छुपाते रहे। बच्चे के पिता ने कर्मचारी के काॅल की रिकार्डिंग भी कर ली।
हमारी गलती है मान रहे है
अस्पताल में मृत बच्चे के पिता जितेंद्र के पास एमटीएच के एक कर्मचारी का फोन आया। फोन पर बच्चा बदले जाने की बात कर्मचारी छुपाता रहा और बच्चे का शव वापस लाने की बात कहता रहा। फोन पर इस तरह हुई बातचीत
कर्मचारी– हेलो, जितेंद्र जी आप कहा पर है? आपको बच्चे का शव लेकर अस्पताल आना होगा
जितेंद्र– मैं तो बच्चे को लेकर श्मशान घाट जा रहा हुं।
कर्मचारी– बच्चे के फुट प्रिंट रह गया है। उसके पैरों का प्रिंट लेना होगा। बच्चे को लेकर आना होगा।
जितेंद्र– अब मासूम को कितना परेशान करोगे। यह आपकी गलती है। प्रिंट लेना चाहिए।
कर्मचारी-ये हमारी गलती है, हम मान रहे है। गलती सुधारने का मौका दो
जितेंद्र– अब बच्चा नहीं आएगा। उसे हम दफनाने जा रहे हैै। अब वापस नहीं आ सकता।
कर्मचारी– आप बात समझ नहीं रहे। उसका मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन पाएगा। शव को लाना होगा।
जितेंद्र-अब मेरा बेटा तो रहा नहीं, उसके प्रमाण पत्र को लेकर क्या करुंगा।