अधिकमास को पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। इस बार श्रावण मास पूरे दो माह का रहेगा क्योंकि इसमें अधिमास के दिन जुड़ रहे हैं। इसके चलते सावन माह में इस बार 8 सोमवार रहेंगे और अधिमास के सोमवार एवं शिवरात्रि भी रहेगी।
आओ जानते हैं कि सावन मास में अधिकमास कब से कब तक रहेगा।
क्या होता है अधिकमास : हिन्दू चंद्र मास के अनुसार हर तीसरे साल में एक बार आता है। यानी हर तीसरे वर्ष 12 माह की जगह 13 माह होते हैं। अधिक मास किसे कहते हैं और यह कब से प्रारंभ हो रहा है। इस माह में क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए।
कब से शुरु होगा अधिक मास |
इस बार श्रावण माह के अंतर्गत अधिकमास प्रारंभ हो रहा है। सावन का महीना 4 जुलाई से प्रारंभ होकर 31 अगस्त तक चलेगा जबकि 18 जुलाई से अधिकमास प्रारंभ होगा जो 16 अगस्त को समाप्त होगा। अधिकमास के भी दिन जुड़ जाने के कारण इस बार श्रावण मास 59 दिन होगा जिसमें 8 सोमवार रहेंगे।
अधिक मास में विवाह तय करना, सगाई करना, कोई भूमि, मकान, भवन खरीदने के लिए अनुबंध किया जा सकता है। खरीददारी के लिए लिए भी यह शुभ योग शुभ मुहूर्त देख कर खरीद सकते हैं। इस माह में विवाह, नामकरण, श्राद्ध, कर्णछेदन व देव-प्रतिष्ठा आदि शुभकर्मों का भी इस मास में निषेध है।