फरवरी में रेलवे अधिकारी ने हादसे के लिए चेता दिया था, लापरवाही की और 300 लोगों की जान चली गई

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पिछले कुछ सालों में ट्रेनों के मेंटेनेंस पर होने वाला बजट लगातार कम किया जा रहा है और अमीरों के लिए बुलेट ट्रेनें लाई जा रही हैं। इसीलिए देशभर में ट्रेनों के पटरियों से उतरने के मामले बढ़े हैं। बालासोर ट्रेन हादसा भी इसी वजह से हुआ है। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इंदौर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि अभी की सरकार हर नीति अमीरों को ध्यान में रखकर बनाती है। ट्रेनों में सुरक्षा सिस्टम डवलप करने के लिए लगातार लापरवाही की जा रही है।

फरवरी में अधिकारी ने चेता दिया था
दिग्विजय ने कहा कि फरवरी में ही एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने इंटरलॉकिंग सिस्टम के लिए चेता दिया था। उसने रिपोर्ट में बताया था कि इसमें गड़बड़ी की वजह से एक रेल हादसा टल गया है। यदि समय पर ड्राइवर समझदारी नहीं दिखाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। उस अधिकारी की रिपोर्ट पर भी ध्यान नहीं दिया गया और अब ये हादसा हो गया। 

गरीब और गरीब होता जा रहा
देश में गरीब और गरीब हो रहा है और अमीर और अमीर होता जा रहा है। जब मैं मुख्यमंत्री था तब रुचि सोया के मालिक कैलाश शाहरा मुझे अडानी से मिलाने ले गए थे। कुछ साल के बाद अडानी ने उनकी कंपनी ही खरीद ली। बाबा रामदेव की पतंजलि तो सिर्फ फ्रंट फेस है, असली मालिक तो अडानी ही हैं। अडानी की कंपनी आटा, तेल जैसी हर छोटी कंपनी खरीद रही है ताकि जरूरत के पूरे बाजार पर उसका कब्जा हो जाए। दूसरी तरफ सरकार खुला सामान बेचने पर प्रतिबंध लगा रही है ताकि आप पैकेट का सामान खरीदें और जितने में कंपनी बेच रही है उतने में ही खरीदें। 

मोदी को फोटो खिंचवाने की बीमारी
दिग्विजय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेंगलोमेनिया बीमारी है जिसमें इंसान प्रचार के लिए पागल रहता है। वह हर फोटो में सिर्फ खुद को ही देखना चाहते हैं। इसके अलावा देश की अन्य समस्याओं पर उनका ध्यान नहीं है। 

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