इंदौर : वोटरों को खुश करने के लिए सरकार ने शहर में 100 काॅलोनियां वैध कर दी, लेकिन शहर की हरियाली को बढ़ाने केे लिए दरियादिली नहीं दिखाई। बस वर्षाकाल के समय पौधारोपण के रस्मी आयोजन किए जाते है। मास्टर प्लान में 10 सिटी पार्क और दो रीजनल पार्क शामिल है, लेकिन इक्का दुक्का ही शहर में आकार ले पाए। यदि हरियाली को इसी तरह हाशिए पर रखा गया तो फिर मास्टर प्लान में ग्रीन बेेल्ट रखनेे का कोई मतलब नहीं है।
वर्ष 2008 में 1 जनवरी को इन्वेस्टर्स समिट के दौरान शहर का मास्टर प्लान लागू किया गया था, जो 2021 तक के लिए बनाया गया था। दो साल बाद भी शहर में नया मास्टर प्लान नहीं आया और पुराने मास्टर प्लान के हिसाब से भी शहर में कोई काम नहीं हुए। बस मास्टर प्लान के लैंडयूज के हिसाब से नक्शे पास होते रहे।
पार्क की 90 प्रतिशत जमीन पर बस्ती
मास्टर प्लान में शहर में 10 सिटी पार्क है, उनमें से दो पार्क ही शहर में आकार ले पाए। एक पार्क रणजीत हनुमान मंदिर के पास बना, जो अभी अधूरा है। वहां भी सीमेंट क्रांक्रीट का काम ज्यादा कर दिया गया। इसके अलावा दूसरा सिटी पार्क एमआर-9 रोड़ के समीप सिर्फ दो एकड़ में विकसित किया है। उसे शहीद पार्क बनाया गया। मास्टर प्लान में वह पार्क 20 एकड़ का है, पार्क की 90 प्रतिशत जमीन पर कब्जे हो गए। बाकी के आठ सिटी पार्क का कोई नामो निशान नहीं है।
रीजनल पार्क भी अधूरे
मास्टर प्लान में रीजनल पार्क का उल्लेख भी है,लेकिन वे भी शहर मेें अधूरे ही बने। पिपलियापाला में एक हजार एकड़ का ग्रीन बेल्ट है, लेकिन पार्क 30 एकड़ में ही विकसित किया गया। यहां भी बाकी जमीन पर कोई उपयोग नहीं है। कुछ जगह तो बस्तियां और मैरेज गार्डन आकार ले चुके है। दूसरी रीजनल पार्क सिरपुर तालाब के पास है। वहां भी तालाब के आसपास के हिस्से को ही विकसित किया गया। पार्क की जमीन पर यहां प्रजापत नगर और अन्य बसि्तयां बन गई।
हरियाली के लिए भी प्राधिकरण कर रहा काम
आईडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा नेे बताया कि हमने हरियाली के लिए भी उल्लेखनीय काम किया है। स्कीम-136 में सिटी फारेस्ट बनाया गया है। इसके अलावा शहर की नई रिंग रोड के आसपास भी हरियाली के लिए स्कीम घोषित की जाएगी।
मास्टर प्लान में शामिल पार्क नहीं बने
नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के पूर्व इंजीनियर जयवंत होलकर ने बताया कि मास्टर प्लान मेें सिटी व जोनल पार्क इसलिए दिए जाते है,ताकि बसाहट के आसपास की आबो हवा शुद्ध रहे, लेकिन मास्टर प्लान के हिसाब से काॅलोनियां तो विकसित हो जाती है, लेकिन पार्क विकसित नहीं होते,जबकि हरियाली को भी प्राथमिकता से लेना चाहिए।