महाराष्ट्र के पुणे में नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) की पासिंग आउट परेड चल रही है। इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान भी शिरकत हुए। उन्होंने मंगलवार को एनडीए के 144वें कोर्स की पासिंग आउट परेड की समीक्षा करते हुए महिलाओं की तारीफ की। साथ ही उत्तरी सीमा पर बढ़ रही चीन को लेकर भी बात की।
मौके पर सीडीएस जनरल ने कैडेट्स को संबोधित करते हुए कहा कि आज मैं आपको बधाई देता हूं। साथ ही उन्होंने महिला कैडेटों को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज देश की महिलाएं राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए आगे आ रही हैं। उन्होंने एनडीए को समान स्तर पर ला दिया है, जहां पहले सिर्फ पुरुष होते थे, वहीं अब महिलाएं भी इसका हिस्सा है। सीडीएस ने कहा कि मुझे खुशी हो रही है कि महिलाओं ने अपने पुरुष भाइयों के समान जिम्मेदारियों को उठाने का संकल्प लिया है।
चौहान ने चीन के मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने कहा कि चीन की सेना की तैनाती उत्तरी सीमा पर बढ़ नहीं रही, वह उतनी है जितनी 2020 में थी। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना हर संभव प्रयास कर रही है कि स्थिति न बिगड़े। चौहान ने कहा कि हमें अपने दावे की वैधता बनाए रखनी होगी। सीमा विवाद को सुलझाना अलग मुद्दा है, जिन इलाकों में हम 2020 से पहले पेट्रोलिंग करते थे, जिनपर हमारा दावा है, वहां यथास्थिति बनानी होगी। जनरल ने कहा कि दो जगह स्थिती अभी भी वैसी ही है, जैसी थी। देपसांग और डेमचोक को छोड़कर सभी जगह सही स्थिती है। इसे लेकर बातचीत जारी है।
अनिल चौहान ने देश के सामने आने वाली चुनौतियों पर कहा कि यूरोप में युद्ध, हमारी उत्तरी सीमाओं पर पीएलए की निरंतर तैनाती और हमारे निकट पड़ोस में राजनीतिक एवं आर्थिक उथल-पुथल ये सभी भारतीय सेना के लिए एक अलग तरह की चुनौती सामने खड़ी कर रहे हैं। उन्होंने कहा आगे कि सशस्त्र बल नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। चौहान ने कहा कि सेना की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए हम अपने देश ही नहीं, बल्कि पड़ोस में भी शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सक्रिय रहें।
चौहान ने आगे कहा कि हम आज सेना में एक नई क्रांति देख रहे हैं, जो ज्यादातर टेक्नोलॉजी द्वारा संचालित है। वहीं, उन्होंने भारत की सशस्त्र सेनाओं के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि सशस्त्र सेना भी एक बड़े परिवर्तन की राह पर हैं। संयुक्तता, एकीकरण और रंगमंचीय कमानों का निर्माण विचाराधीन है। इस बीच, सीडीएस ने कहा कि हम ऐसे समय में रह रहे हैं जब वैश्विक सुरक्षा की स्थिति सबसे अच्छी नहीं है और अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक व्यवस्था प्रवाह की स्थिति में है।
वहीं, उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि मणिपुर में हो रही हिंसा का आंतकवादियों से कोई लेना देना नहीं है। वह मुख्य रूप से दो जातियों के बीच की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि यह कानून और व्यवस्था की तरह की स्थिति है। हम राज्य सरकार की मदद कर रहे हैं। जनरल ने कहा कि हमने बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई है। हालांकि, मणिपुर में चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं और इसमें कुछ समय लगेगा। चौहान ने कहा कि उम्मीद है, दोनों पक्षों के लोग शांत हो जाएंगे।