केजरीवाल और उनके नेता गुंडागर्दी करने पर उतारु, इस‎लिए अध्यादेश लाई सरकार : भाजपा

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नई दिल्ली। भाजपा ने कहा है ‎कि केजरीवाल और उनके नेता इस समय गुंडागर्दी पर उतारु हैं, वे संवैधा‎निक मर्यादा भूल गए हैं। भाजपा ने दिल्ली को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को जरूरी बताते हुए कहा है कि दिल्ली की गरिमा और जनता के हितों की रक्षा के लिए यह अध्यादेश लाना जरूरी था। भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा, भाजपा सांसद मनोज तिवारी और दिल्ली विधान सभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने संयुक्त रूप से मीडिया से बात करते हुए आम आदमी पार्टी के तमाम आरोपों का जवाब देते हुए यह बताया कि इस तरह का अध्यादेश लाना क्यों जरूरी हो गया था? भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वो हस्ताक्षर करने से डरते हैं। तिवारी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जब केजरीवाल एक विभाग तक नहीं चला सकते तो पता नहीं काहे पढ़े थे, क्या पढ़े थे और क्यों पढ़े थे? तिवारी ने यह आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके नेता संवैधानिक मर्यादाओं को भूलकर गुंडागर्दी पर उतर आए हैं। दिल्ली को प्रति दिन, एक-एक सेकेन्ड चलाना बहुत आवश्यक हो गया था, संसद का सत्र शुरू होने में अभी समय है, तब तक पता नहीं केजरीवाल क्या-क्या कर देते इसलिए केंद्र सरकार को यह अध्यादेश लाना पड़ा और यह अध्यादेश सीधे-सीधे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हिस्सा है, उस विकल्प का केंद्र सरकार ने प्रयोग किया है और भाजपा इसका स्वागत करती है। 
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली की जनता के सामने अब केजरीवाल की पोल खुल चुकी है और वो पूरी तरह एक्सपोज हो चुके हैं। भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली की गरिमा और दिल्ली की जनता के हितों की रक्षा के लिए यह अध्यादेश लाना जरूरी हो गया था। केजरीवाल पर हमेशा से ही टकराव की राजनीति करने और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए सचदेवा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आड़ में केजरीवाल गुंडागर्दी कर रहे हैं, जिसे कोई भी स्वीकार नहीं करेगा। वहीं दिल्ली विधान सभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने भी अरविंद केजरीवाल और आप नेताओं के व्यवहार को अनुचित बताते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को ओछी राजनीति करना बंद कर दिल्ली के विकास कार्यों पर ध्यान देना चाहिए।

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