इंदौर के भूमाफिया सुरेंद्र संघवी और दीपक मद्दा के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय( ईडी) ने छापा माकर ढाई सौ करोड़ रुपये की अवैध का पता लगाया है। इन प्रापर्टी के दस्तावेज अपसरों ने जब्त किए है। इसके अलावा 91 लाख रुपय से ज्यादा नकद भी बरामद हुए है। ईडी के अफसर शुक्रवार को लौट गए, लेकिन सुरेंद्र संघवी और उसके बेटे प्रतिक संघवी से पूछताछ जारी रहेगी। संघवी अयोध्यापुरी जमीन घोटाले का मुख्य आरोपी है।
शहर के कई इलाकों में संघवी की प्राॅपर्टी है। दो साल पहले प्रशासन ने संघवी के खिलाफ जमीन घोटाले को लेकर छह प्रकरण दर्ज कराए थे। तब ईडी को भी जमीन और घोटाले में काली कमाई की लिंक मिली थी और अफसरों ने घोटाले से जुड़ी फाइल भी मंगाई थी। तब से ही संघवी ईडी की रडार पर था।
गुरुवार सुबह ईडी की टीम सुरेंद्र संघवी के दफ्तर, बंगले और अन्य ठिकानों पर छापा मारने टीम पहुंची थी। जांच दूसरे दिन तक चली। संघवी के साथ दीपक मद्दा के घर भी टीम जांच के लिए पहुंची। सुरेंद्र, प्रतिक और दीपक मद्दा जमीन की खरीदी व हेराफेरी करने वाली कंपनी सिंपलेक्स से जुड़े है। कुछ समय पहले आयकर ने भी संघवी परिवार पर छापा मारा था। तब भी बड़े पैमाने पर जमीन के कारोबार के दस्तावेज मिले थे।
प्रशासन द्वारा दर्ज प्रकरणों में सुरेंद्र संघवी कोर्ट से जमानत ले चुका है, लेकिन अब ईडी मनी लांड्रिंग का नया केस दर्ज कर सकती है। सुरेंद्र का छोटा भाई पंकज संघवी कांग्रेस नेता है और वे सांसद, मेयर और विधायक का चुनाव भी लड़ चुके है। अफसरों को मद्दा के घर से भी प्राॅपर्टी के दस्तावेज मिले है। फिलहाल दीपक मद्दा जेल में है।