इंदौर: समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दिए जाने पर देशभर में बहस छिड़ी हुई है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में एक केस की सुनवाई चल रही है। वहीं इन सबके बीच इंदौर में इसको लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ। इसमें कई सामाजिक संगठनों और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। गुरुवार शाम को ये सभी संगठन के लोग कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया। यहां पहुंचे लोगों ने कहा कि समलैंगिकों की शादी के पीछे अंतरराष्ट्रीय संगठनों का हाथ है। यह सब मिलकर देश की संस्कृति को बर्बाद करना चाहते हैं।
कौन कौन हुआ शामिल
कलेक्टर कार्यालय में हुए विरोध प्रदर्शन में शहर की कई संस्थाएं शामिल हुईं। यहां बड़ी संख्या में महिलाएं और छात्र भी पहुंचे। कई कालेजों के छात्र, फैकल्टी, महिला संगठन, एनजीओ और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसमें भाग लिया। कई हिंदू संगठनों के अलावा यहां पर यादव समाज, जैन समाज, जायसवाल समाज सहित अन्य समाज के महिलाओं-पुरुषों ने भी कलेक्टोरेट पर विरोध प्रदर्शन किया।
भारतीय संस्कृति को बर्बाद नहीं होने देंगे
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने एक सुर में कहा कि हम भारतीय संस्कृति को बर्बाद नहीं होने देंगे। भारतीय संस्कृति की अपनी परंपरा है। समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का मामला संसद का विषय है फिर क्यों इसे सुप्रीम कोर्ट में सुना जा रहा है।
मांगें नहीं मानीं तो जारी रहेगा विरोध
यह विरोध प्रदर्शन करीब एक घंटे तक चला। मुस्लिम समाज की महिलाओं ने कहा हम अपनी बात दिल्ली तक पहुंचाना चाहते हैं। यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। प्रदर्शन के दौरान महिलाएं हाथ में विरोध स्वरूप तख्तियां लिए खड़ी थीं। सभी ने कलेक्टर इलैया राजा टी को ज्ञापन सौंपा। महिलाओं ने कहा कि इस तरह के विवाह को मान्यता दी गई तो समाज में सदियों से जारी विवाह की मान्यताएं ही खत्म हो जाएंगी। इससे समाज पर विपरीत असर पड़ेगा। नई पीढ़ी को इससे बहुत नुकसान होगा।