इंदौर:शहर के लोग हर महीने मोबाइल फोन चार्ज करने के लिए तकरीबन तीन करोड़ रुपए की बिजली खर्च कर रहे हैं। मोबाइल पर बिजली खर्च के आंकड़े का अनुमान खुद पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने लगाया है। असल में बिजली खर्च के मामले में इंदौर मध्यप्रदेश में सबसे आगे बना हुआ है। भोपाल बिजली के उपभोग के मामले में इंदौर से पीछे है। इंदौर की बिजली जरूरत लगातार बढ़ ही रही है। बिजली कंपनी आकलन में लगी है कि बेहतर ऊर्जा दक्षता वाले उपकरण आने के बाद भी शहर की बिजली खपत क्यों बढ़ रही है।
बिजली कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी अवधेश शर्मा के मुताबिक, कंपनी ने आंतरिक सर्वे से मोबाइल की बिजली खपत का खाका तैयार किया है। हर परिवार के बिजली खर्च में प्रतिमाह 60 से 70 रुपए का खर्च मोबाइल चार्जिंग पर खप रही बिजली का है। इसे इंदौर की जनसंख्या के अनुपात में मापा गया है।
इंदौर सबसे आगे शहर की बिजली की मांग 610 मेगावाट के उच्चतम स्तर तक गर्मी में पहुंच जाती है। भोपाल की अधिकतम मांग इंदौर से 150 से 175 मेगावाट कम रहती है। इंदौर की बिजली की खपत भोपाल से 25% ज्यादा है। इंदौर से बिजली कंपनी हर माह करीब 150 करोड़ रु. बिल के जुटा रही है।
बजली कंपनी ने सर्वे कर ऐसे निकाला खपत का आंकड़ा…
– एक मोबाइल बैटरी लगातार उपयोग करने पर तीन से चार घंटे चलती है।
– सामान्य उपयोग पर 4-5 घंटे व कम उपयोग होने पर 8 घंटे में डिस्चार्ज होती है।
– सामान्य मोबाइल हर दिन औसतन दो या तीन बार चार्ज होते हैं।
– हर परिवार में औसतन चार मोबाइल भी माने जाएं तो न्यूनतम आधा यूनिट बिजली हर परिवार में चार्जिंग पर खर्च होगी।
– हर परिवार का मोबाइल के लिए बिजली खर्च का दो से तीन रुपए रोज ही हो रहा है।
– महीने में न्यूनतम औसत 60 से 70 रुपए माना जा सकता है।
– शहर में बिजली के सवा छह लाख कनेक्शन हैं। पांच लाख कनेक्शनों की गणना हो तो प्रति कनेक्शन 60 से 70 रुपए माह के हिसाब से भी पूरे शहर का बिजली खर्च तीन करोड़ रु. माह हो रहा है।
शहर में बिजली की खपत लगातार बढ़ रही है। आपूर्ति व्यवस्था के लिए कंपनी खुद को अपडेट कर रही है। नए उपकरणों का प्रयोग होने से बिजली की मांग बढ़ रही है। इसलिए कंपनी खपत के पैटर्न पर विश्लेषण करती रहती है। – विकास नरवाल, एमडी पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी