अतीक-अशरफ शूटआउट कांड को लेकर एक सवाल बेहद चर्चा में है। वह सवाल यह है कि कहीं इनामी बमबाज गुड्डू मुस्लिम से जुड़े राज का खुलासा तो इस हत्याकांड की वजह नहीं बना। इसलिए क्योंकि मौत के घाट उतारे जाने से ठीक पहले अशरफ ने गुड्डू मुस्लिम का नाम लिया था। चकिया निवासी गुड्डू मुस्लिम कुख्यात बदमाश है और पांच लाख का इनामी भी है। उमेश पाल हत्याकांड में जहां पांच शूटर दनादन गोलिया बरसाते नजर आए थे। वहीं गुड्डू झोले से निकालकर बमबाजी करता दिखा था। उमेश के गनर राघवेंद्र को उसने ही बम से उड़ाया था।
24 फरवरी को उमेश की हत्या के बाद से ही वह फरार है और उसे पुलिस पकड़ नहीं सकी है। 15 अप्रैल को कॉल्विन अस्पताल में जब शूटआउट हुआ, उसके ठीक पहले अशरफ ने इसी गुड्डू मुस्लिम के बारे में कुछ कहना चाहा था। गुड्डू मुस्लिम का नाम लेकर वह कोई अहम बात कहने वाला था, तभी उसे गोली मार दी गई। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर गुड्डू मुस्लिम से जुड़ा वह कौन सा राज था, जो अशरफ की मौत के साथ ही दफन हो गया। बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद यह पहला मौका था, जब अशरफ ने किसी शूटर का नाम लेकर कुछ बोलना चाहा था।
बरेली जेल ले जाते वक्त बोला था, बड़े अफसर ने दी है हत्या की धमकी
अशरफ को 28 मार्च को पेशी के लिए बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। रात में वापसी के दौरान उसने सनसनीखेज आरोप लगाए थे। कहा था कि उसे एक बड़े पुलिस अफसर ने हत्या कराने की धमकी दी है। कहा है कि दो हफ्ते में किसी बहाने से जेल से निकालकर उसकी हत्या करा दी जाएगाी। अशरफ ने यह भी बताया था कि यह धमकी उसे प्रयागराज में दी गई। जब उससे अधिकारी का नाम पूछा गया तो उसने नाम बताने से इन्कार कर दिया था। उसने यह भी कहा कि प्रिजन वैन में उसकी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में उसे धमकी दी गई।
आश्वासन के बाद मुकरने की बात आई थी सामने
बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड के तीन फरार शूटरों को लेकर अशरफ की ओर से आश्वासन देने के बाद मुकरने की बात सामने आई थी। उसने पुलिस अधिकारियों को आश्वासन दिया था कि वह तीन शूटरों को उनके हवाले कर देगा। ये वादा उसने उमेश पाल अपहरण केस में सजा सुनाए जाने के लिए बरेली जेल से प्रयागराज की अदालत में आने के दौरान किया था। हालांकि जैसे ही वह बरेली वापस जाने के लिए पुलिस की वैन पर सवार हुआ, मुकर गया। उसने वैन में सवार पुलिसकर्मियों से कहा कि वह किसी भी हाल में शूटरों को पुलिस को नहीं सौंपेगा। इसके बाद ही पुलिस ने असद और बाकी शूटरों की तलाश में पूरी ताकत झोंक दी थी और इसके बाद असद व गुलाम एनकाउंटर में मारे गए थे।