जबलपुर । मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पूर्व आदेश के पालन में लापरवाही बरतने पर छिंदवाड़ा के पुलिस कप्तान विनायक वर्मा को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। हाई कोर्ट ने डायरेक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) को निर्देश दिए हैं कि छिंदवाड़ा पुलिस अधीक्षक को तत्काल निलंबित करें। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ पीठ ने तल्ख टिप्पणी में कहा कि अधिकारी अदालत के आदेश को गंभीरता से नहीं लेते हैं। यहां तक कि शासकीय अधिवक्ता भी इस संबंध में जागरूक नहीं हैं।
28 मार्च को हाई कोर्ट ने उक्त अधिकारी के विरुद्ध जमानती वारंट जारी करने के निर्देश दिए थे। वारंट तामील कराने की जिम्मेदारी छिंदवाड़ा एसपी को दी थी। बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान एसपी की ओर से पत्र प्रस्तुत कर बताया गया कि प्रोजेक्ट डायरेक्टर का तबादला हो गया है, इसलिए वारंट तामील नहीं हो पाया। छिंदवाड़ा में बस स्टैंड से चार फाटक रोड पर एनएचएआइ ने तुलसी रामायण संस्कृति मंडल की करीब 1254 वर्गफीट जमीन अधिग्रहीत की थी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता वेद प्रकाश नेमा ने बताया कि इसमें से 618 वर्गफीट का मुआवजा नहीं दिया था। वर्ष 2018 में हाई कोर्ट ने मुआवजा देने के निर्देश दिए थे। जब कार्रवाई नहीं हुई तो अवमानना याचिका दायर की गई। कई पेशियों से जवाब नहीं आने पर 28 मार्च को कोर्ट ने एनएचएआइ के अधिकारी के विरुद्ध वारंट जारी करने के निर्देश दिए थे।