यूपी निकाय चुनाव की आरक्षण सूची जारी, छह अप्रैल शाम छह बजे तक दर्ज करा सकेंगे आपत्तियां

उत्तर प्रदेश लखनऊ

लखनऊ : सरकार ने 762 में 760 नगर निकायों में महापौर और अध्यक्षों के सीटों के आरक्षण की नए सिरे से अनंतिम अधिसूचना बृहस्पतिवार को जारी कर दी। इनमें 17 नगर निगमों में महापौर के अलावा 199 नगर पालिका परिषद और 544 नगर पंचायतों के अध्यक्ष की सीटें शामिल हैं। इसके साथ ही गत 5 दिसंबर को सीटों के आरक्षण की जारी की गई अनंतिम अधिसूचना को रद्द कर दिया गया है।

नई अधिसूचना से महिलाओं की 33 जबकि, एससी की आठ सीटें बढ़ गई हैं। ओबीसी के हिस्से में पूर्व में आई सीटों की संख्या 205 में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने बुधवार देर रात सामान्य नगरीय निकाय निर्वाचन-2023 यूपी नगर पालिका अधिनियम 1916 व यूपी नगर निगम अधिनियम 1959 में जरूरी संशोधन से संबंधित अध्यादेश की मंजूरी दी थी। इसके अमल में आने के बाद बृहस्पतिवार को सरकार ने नए सिरे से अनंतिम आरक्षण की सूची जारी कर दी। नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने बताया कि उप्र. राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की संस्तुतियों के अनुरूप ही सीटों का आरक्षण किया गया है

नई सूची पर आपत्तियों के लिए छह अप्रैल शाम छह बजे तक का समय दिया गया है। आपत्तियां स्थानीय निकाय निदेशालय सेक्टर-7 गोमतीनगर विस्तार, लखनऊ में दी जा सकेंगी। विभाग आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद इस सूची का अंतिम प्रकाशन कराएगा। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने के लिए कार्यक्रम भेजा जाएगा। इसके आधार पर आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा।

नए फॉर्मूले से आरक्षण
मंत्री ने कहा कि पहले की व्यवस्था के तहत सभी निकायों को एक यूनिट मानते हुए आरक्षण की व्यवस्था लागू थी। लेकिन अधिनियम में संशोधन करते हुए महापौर की सीटों का आरक्षण प्रदेश स्तर, पालिका परिषद मंडल स्तर और नगर पंचायत अध्यक्ष की सीटों का आरक्षण जिला स्तर पर पिछड़ों की आबादी व सीटों को बांटते हुए किया गया है।

पंचायतों की 269 व परिषद की 100 सीटों का आरक्षण बदला
मंत्री ने बताया कि पिछली अधिसूचना में नगर पंचायतों में पहले 49 जिलों में अनुसूचित जनजाति का कोई प्रतिनिधित्व नहीं था। नई व्यवस्था में दो सीटें आई हैं। इसी तरह नगर पंचायत अध्यक्ष में महिलाओं के लिए 182 सीटें आरक्षित हुई थीं। नई व्यवस्था में यह बढ़कर 209 हो गई हैं। 544 नगर पंचायतों में से 269 सीटों के आरक्षण में बदलाव हुआ है। वहीं, परिष द की बात करें तो देवीपाटन मंडल में पिछली सूची में पिछड़ा वर्ग के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं हुई थी। नए में हिस्सेदारी मिली है। महिलाओं के लिए सीटें 67 से बढ़कर 73 हो गईं हैं। कुल 100 सीटों में बदलाव हुआ है।

नगर निगमों में 11 पर बदलाव
– महापौर की आगरा, झांसी, मेरठ, गोरखपुर, वाराणसी व बरेली सीटों के आरक्षण में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अन्य सभी 11 के आरक्षण बदल गए हैं।
– पांच दिसंबर को जारी अधिसूचना में महिलाओं की 255, ओबीसी 205, एससी 102, एसटी की एक सीटें आरक्षित हुई थीं।
– बृहस्पतिवार को जारी नए आरक्षण में महिलाओं की 288, ओबीसी 205, एससी 110, एसटी की दो सीटें आरक्षित हुई हैं।

महापौर के लिए आरक्षित सीटें
– अयोध्या             अनारक्षित
– लखनऊ             महिला
– आगरा             एससी महिला
– झांसी             एससी
– शाहजहांपुर ओबीसी महिला
– फिरोजाबाद ओबीसी महिला
– सहारनपुर            पिछड़ा वर्ग
– मेरठ             पिछड़ा वर्ग
– कानपुर             महिला
– गाजियाबाद महिला
– वाराणसी            अनारक्षित
– प्रयागराज            अनारक्षित
– अलीगढ़             अनारक्षित
– बरेली             अनारक्षित
– मुरादाबाद            अनारक्षित
– गोरखपुर             अनारक्षित
– मथुरा-वृंदावन अनारक्षित

दो निकायों की अधिसूचना नहीं
महाराजगंज की नगर महापालिका परिषद सिसवां बाजार के विस्तार और बस्ती की नगर पंचायत भानपुर के गठन का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए इन दोनों निकायों की अधिसूचना जारी नहीं की गई है।

70 लाख बढ़ी निकायों की आबादी
2017 में हुए निकाय चुनाव की तुलना में इस बार निकाय की सीमा में करीब 70 लाख अधिक आबादी शामिल हो गई है। 2017 में निकाय क्षेत्रों की आबादी 4.16 करोड़ थी, जो इस बार 4.85 करोड़ हो गई है। इसकी वजह 10 नगर निगमों समेत कुल 130 नगर निकायों का सीमा विस्तार और 111 नई नगर पंचायतों का का गठन किया जाना है।

महापौर की आरक्षण सूची

नगर पालिका परिषदों के अध्यक्ष पद की आरक्षण सूची

नगर पंंचायतों के अध्यक्ष पद की आरक्षण सूची


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