नई दिल्ली । मानहानि मामले में दोषी करार देने और संसद की सदस्यता खोने के बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के समर्थन में विपक्ष सड़क पर उतरा। संसद भवन परिसर में कांग्रेस सहित विपक्षी नेताओं ने प्रदर्शन किया। इसके अलावा कांग्रेस ने कई राज्यों में सत्याग्रह मार्च निकाला। एक ओर कांग्रेस मोदी सरकार पर ताकत का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगा रही है, तब वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने स्वीकार किया हैं, कि राहुल गांधी के लिए जनता का समर्थन नहीं मिल पा रहा है।
पी चिदंबरम से पूछा गया कि राहुल गांधी के सदस्यता खोने के बाद जनता उनके समर्थन में आंदोलन करने नहीं आ रही है। इसपर पी चिदंबरम ने कहा, जनता किसी भी मुद्दे पर बीते कई सालों से प्रदर्शन करने नहीं आती है। किसानों को भी जनता का समर्थन नहीं मिला था। सीएए के मामले में केवल मुसलमानों ने प्रदर्शन किया। आजादी से पहले हर वर्ग ने महात्मा गांधी जी का समर्थन किया था। वे सड़कों पर आ गए थे। मुझे आश्चर्य भी है और निराशा भी है कि दूसरे देशों की तरह लोग यहां प्रदर्शन करने नहीं आ रहा है। हॉन्गकॉन्ग में भी लोग प्रदर्शन कर रहे हैं।
चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी लोगों से संवाद कर रही है। उन्होंने कहा कि मामला नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी का नहीं है। टीएमसी को भी लगा कि यह दो व्यक्तियों को मामला नहीं है बल्कि लोकतंत्र को चुनौती है। उन्होंने कहा कि सभी दलों को यह बात समझ में आ चुकी हैं, कि जिस तरह से मोदी सरकार काम कर रही है, उसका विरोध जरूरी है। उन्होंने कहा कि चार दिन पहले से तुलना करें, तब अब विपक्ष ज्यादा एकजुट है। इसकी वजह यही है कि लोकतंत्र को दी जाने वाली चुनौती को सभी समझ रहे हैं।
बता दें कि एक दिन पहले ही विपक्ष ने रणनीति पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई थी। काले कपड़े पहनकर विपक्ष ने प्रदर्शन किया था। इसमें टीएमसी भी शामिल हुई थी। वहीं कुछ दिनों से देखा जा रहा था कि टीएमसी कांग्रेस की आलोचना कर रही है।
40 बागी विधायकों में से 5 को मिली हार, सामना के जरिए उद्धव ठाकरे ने शिंदे को राजनीति छोड़ने के वादे की दिलाई याद
शिवसेना (यूबीटी) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को उनके राजनीति छोड़ने के वादे की याद दिलाई, यदि 2022 में अविभाजित शिवसेना के विभाजन के दौरान उनके साथ रहने वाले…