उज्जैन की केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में 68 कर्मचारियो के खाते से 13 करोड़ 50 लाख रुपये के जीपीएफ घोटाले की जांच तेज हो गई है। पुलिस ने मुख्य आरोपी रिपुदमन सिंह और पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज को कोर्ट में पेश किया। वहां से उन्हें 31 मार्च तक रिमांड पर भेज दिया गया है। राज्य सरकार ने इसके बाद उषा राज के निलंबन आदेश भी जारी कर दिए हैं।
सोमवार सुबह नागझिरी थाना पुलिस उषा राज का मेडिकल कराया। रिपुदमन सिंह का मेडिकल एक दिन पहले ही करवा लिया गया था। एसआईटी के प्रमुख और एएसपी डॉ इंद्रजीत बाकलवार ने बताया कि पूरे मामले को जल्द से जल्द सुलझा लिया जाएगा। सोमवार को दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया। उन्हें 31 मार्च तक पुलिस रिमांड पर सौंपा गया है। जेल कर्मचारियों के जीपीएफ से गबन गंभीर अपराध है। हमारी टीम हर पहलू पर जांच करने में लगी हुई है।
उषा राज निलंबित
मध्यप्रदेश जेल विभाग के महानिदेशक अरविंद कुमार ने आईएफएमआईएस सॉफ्टवेयर के जरिये की गई धांधली में उषा राज को निलंबित किया है। इसका आधार 25 मार्च को की गई उनकी गिरफ्तारी है। निलंबन काल में उन्हें नियमों के अनुसार निर्वाह भत्ता मिलता रहेगा। मुख्यालय भोपाल का जेल मुख्यालय रहेगा। पूर्व जेल अधीक्षक के खिलाफ 11 मार्च को धारा 420, 409, 467, 468, 470,120-बी, 34 के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध है।
ताले तुड़वाए, की खोजबीन
भैरवगढ़ थाना प्रभारी प्रवीण पाठक ने बताया कि जीपीएफ घोटाले के सबूतों को खोजने में जुटे हुए हैं। केंद्रीय भैरवगढ़ जेल की पूर्व अधीक्षक उषा राज को उनके बंगले ले जाया गया। बंगले के कुछ कमरों में ताले लगे थे। इस पर जेलकर्मियों को बुलवाया और ताले तोड़े। यहां से दस्तावेज व कागजात जब्त किए हैं।
रिपुदमन को लेखा-जोखा शाखा ले गई पुलिस
पुलिस केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में लेखा-जोखा शाखा में मुख्य आरोपी रिपुदमन सिंह को लेकर पहुंची थी। वहां पूछताछ के आधार पर दस्तावेज जब्त किए गए हैं।