इंदौर । रेलवे स्टेशनों के आसपास के स्थानीय उत्पाद को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई ‘वन स्टेशन-वन प्रोडक्ट’ योजना का पंद्रहवां चरण शुरू होने जा रहा है। 10 अप्रैल से शुरू होने वाले इस चरण में अब दो माह तक स्टेशन पर स्टाल लगाने की अनुमति मिलेगी। अब तक के चरणों में 15 दिन की अनुमति मिलती थी। योजना के तहत इंदौर रेलवे स्टेशन पर आकर्षक आउटलेट बिजली कनेक्शन के साथ उपलब्ध कराया जाएगा। स्वयं सहायता समूह या स्थानीय संगठन इसके लिए पंजीयन करवा सकते हैं। भारतीय रेलवे स्टेशनों के आसपास के स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए वन स्टेशन-वन प्रोडक्ट योजना का प्रथम चरण 25 मार्च 2022 को शुरू किया था। इसमें 15 दिन के लिए रेलवे स्टेशनों पर स्टाल उपलब्ध कराए जाते थे, लेकिन अब पंद्रहवें चरण में योजना का विस्तार किया गया है। रेलवे पीआरओ खेमराज मीणा का कहना है कि पंद्रहवें चरण में इंदौर, उज्जैन, देवास, रतलाम, दाहोद, चित्तौड़गढ़, नीमच, नागदा स्टेशनों पर स्टाल का आवंटन दो महीने के लिए किया जाएगा ।
30 लाख रुपये से अधिक की हुई बिक्री
पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल ने अपने विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर वन स्टेशन-वन प्रोडक्ट योजना के तहत स्टाल लगाए हैं। अभी तक विभिन्न चरणों में इंदौर, उज्जैन, देवास, रतलाम, दाहोद, शुजालपुर, चित्तौड़गढ़, नीमच, मंदसौर, मेघनगर, नागदा स्टेशनों पर 140 स्टाल लगाए जा चुके है । इसमें स्टाल संचालकों द्वारा 30 लाख रुपये से अधिक के सामान की बिक्री की गई है।
इनको मिलेगा अवसर
योजना के तहत स्वयं सहायता समूह या स्थानीय संगठन अपने उत्पादों का विवरण देकर स्टेशन पर दो महीने के लिए स्टाल लगा सकेंगे। इसके लिए रेल प्रशासन के पास 4000 हजार रुपये जमाकर पंजीयन करवाना होगा। इसमें स्थानीय खानपान के गुणवत्तायुक्त सामान, हस्तशिल्प, हथकरघा, स्थानीय कलाकृतियां, स्थानीय खिलौने, चमड़े का सामान, स्थानीय पोशाक, पारंपरिक उपकरण के स्टाल लगाए जा सकते हैं।