‘एशिया’ को मौसम बताएगा अपना सीहोर, 25 मौसम वैज्ञानिक हर समय करेंगे रिसर्च

Uncategorized सीहोर

भोपाल ।  सीहोर एशिया को मौसम का मिजाज बताएगा। जिले की श्यामपुर तहसील के शीलखेड़ा में 100 एकड़ जमीन पर एशिया का सबसे बड़ा एटमॉस्फेयरिक रिसर्च सेंटर बनकर तैयार हो गया है। इस सेंटर को बनाने में 50 करोड़ खर्च हो चुके हैं। जैसे-जैसे उपकरण आएंगे, राशि बढ़ेगी। रिसर्च सेंटर जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने में मददगार होगा। यहां 25 मौसम वैज्ञानिक हर समय रिसर्च करेंगे। इस सेंटर से करीब 300 किमी दूर के मौसमी सिस्टम का आसानी से पता लगाया जा सकेगा। मौसमी सिस्टम किस रास्ते आएगा, बादल कहां से कैसे आएंगे, कहां ओले गिरेंगे और कहां कितना पानी बरसेगा, यह सब इस वैज्ञानिक पहले ही पता कर लेंगे। एटमॉस्फेयरिक रिसर्च सेंटर में रिसर्च के लिए 72 मीटर ऊंचा टावर बनाया गया है, यहां लगे रडार से रिपोर्टिंग शुरू हो गई है। यहां पर फिनलैंड से लाकर अत्याधुनिक तकनीक सी बेड ड्वैल पोलर मैट्रिक रडार और केयू बैंड रडार लगाए गए हैं। इसका मुख्यालय इंडियन इंस्टीट्यूट आफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी पुणे में है। एटमॉस्फेयरिक रिसर्च सेंटर में पुणे, बेंगलुरु, कोलकाता के अलावा देशभर के मौसम वैज्ञानिक काम करेंगे। 12 से ज्यादा वैज्ञानिक यहां पर सेवाएं देने आ चुके हैं। बताते हैं, इस क्षेत्र में ऊपरी हवा के चक्रवात से लेकर लो प्रेशर एरिया और उसकी ट्रफ लाइन निकलती हैं। बारिश में बिजली भी सबसे ज्यादा इसी एरिया में गिरती है, इसलिए यहां रिसर्च में वैज्ञानिकों को सहूलियत होगी।


फसल बचा सकेंगे किसान
इस सेंटर से किसानों को मौसम का हाल पहले ही पता चल जाएगा। बेमौसम बारिश-ओलावृष्टि की किसानों को पहले जानकारी मिलेगी तो वे फसल की सुरक्षा कर सकेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *