इंदौर : दुनिया की सबसे प्रमुख धार्मिक संस्था इस्कॉन टेंपल डोनेशन के लालच में ठगों के चंगुल में फंस गई। एक कंपनी ने उन्हें सीएसआर यानी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत 50 लाख रुपए का डोनेशन दिलाने का सपना दिखाया। कंपनी ने इसके बदले में कमीशन की मांग की और कमीशन पहले ही रखवा लिया। मंदिर के पुजारी इस लालच में फंस गए और उन्होंने कंपनी की बातों में आकर उसे एक लाख 77 हजार रुपए की राशि दे दी। बाद में जब सीएसआर नहीं आया तब मामले की हकीकत पता चली।
ऐसे फंसाया जाल में
इंदौर के निपानिया में इस्कॉन टेंपल है। इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉनशियसनेस, इस्कॉन टेंपल के प्रमुख आवेदक महामन दानजी के द्वारा क्राइम ब्रांच इंदौर में धोखाधड़ी संबंधित शिकायत की गई थी। इसमें आवेदक से फ्रॉड की संपूर्ण जानकारी लेकर जांच शुरू की गई। पुलिस को पता चला कि इनोवेशन फाइनेंशियल एडवाइजर प्रा लि कंपनी ने कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी सीएसआर के तहत 50 लाख तक का डोनेशन फंड अरेंज कराकर देने के झूठे वादे किए। उन्होंने यह भी बताया कि वह कई बड़े एनजीओ को सीएसआर में राशि दिलवा चुके हैं और उनके बड़ी कंपनियों में अच्छे संपर्क हैं। इसके बाद कंपनी ने उनसे 1,77,000 रुपए ले लिए।
फंड नहीं आया तो टालने लगी कंपनी
बाद में डोनेशन फंड अरेंज नहीं करने पर मंदिर ने पैसे वापस मांगे तो कंपनी टालने लगी। कंपनी ने कहा कि हम लगातार आपके लिए प्रयास कर रहे हैं कुछ समय में आपको सीएसआर मिल जाएगा। जब लंबे समय तक ऐसा नहीं हुआ तो मंदिर वालों के सब्र का बांध टूट गया। इसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत की। क्राइम ब्रांच इंदौर की आर्थिक अपराध सेल ने शिकायत के आधार पर कंपनी से पूरे पैसे मंदिर को वापस करवाए। पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र ने लोगों से छलकपट कर अवैध लाभ अर्जित करते हुए आर्थिक ठगी करने वाले अपराधियों पर प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। इस क्रम में ठगी एवं सोशल मीडिया संबंधी अपराधों की रोकथाम हेतु क्राइम ब्रांच फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन टीमों को लगाया गया है।