शिक्षा गुणवत्ता सुधार के क्षेत्र में काम करने वाले विद्यालयों को किया जायेगा पुरस्कृत:कलेक्टर लोकेश जाटव

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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये कलेक्टर ने जिले के प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं के प्रधानाध्यापकों को दक्षता उन्नयन के दिये निर्देश

इंदौर:
कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव ने राज्य शासन के निर्देशानुसार जिले में विद्यार्थियों में उन्नत दक्षता लाने के लिये प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला के प्रधानाध्यापकों को शिक्षण व्यवस्था में सुधार लाने के निर्देश दिये हैं। जारी निर्देशानुसार जिले की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा योजना का निर्माण करते हुए विद्यालय, जनशिक्षा केन्द्र एवं विकासखण्ड स्तर पर ऐसी अकादमिक कार्य योजना का निर्माण किया जाए, जिसमें विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति, पाठ¬क्रम आधारित शिक्षण-योजना, कक्षा कार्य एवं गृह कार्य का परीक्षण एवं त्रुटि सुधार, मूल्यांकन तथा अकादमिक मॉनीटरिंग सम्मिलित किया जाये।
जारी निर्देशानुसार जिले में विद्यार्थियों में उन्नत दक्षता के सर्वोच्च लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये बेसलाइन, मिडलाइन एवं एडलाइन टेस्ट के माध्यम से विद्यालयों में बुनियादी दक्षता सुधारने का कार्य निरन्तर जारी रखा जाये। राज्य से प्राप्त निर्देशानुसार इस वर्ष 1 अगस्त से 30 सितम्बर 2019 तक 61 दिवस बूस्टर कार्यक्रम के अन्तर्गत गणित एवं भाषा की दक्षता के लिये दो-दो कालखण्ड लगाए गये हैं, ताकि अधिकतम विद्यालयों की दक्षता सर्वोच्च स्तर स्थापित होने पर विद्यालयों को “वॉल ऑफ फेम” के लिये नामांकित किया जा सकेगा।
सत्र 2018-19 में इंदौर जिले के 233 विद्यालयों ने अपने विद्यार्थियों की दक्षता उन्नयन में प्रगति के आधार पर 15 स्वर्ण-प्रमाण पत्र, 55 रजत-प्रमाण पत्र एवं 118 विद्यालयों ने कांस्य-प्रमाण पत्र प्राप्त किये हैं। इसी प्रकार राज्य से प्राप्त निर्देशानुसार सत्र 2019-20 के लिये विद्यालयों, जनशिक्षा केन्द्र एवं विकासखण्ड को “वॉल ऑफ फेम” के अन्तर्गत सम्मानित करने की योजना हेतु तीन स्तर निर्धारित किये गये हैं। स्वर्ण पदक चैम्पियन स्तर के लिये 90 प्रतिशत दक्षता, रजत पदक चैम्पियन स्तर के लिये 75 प्रतिशत दक्षता एवं कांस्य पदक चैम्पियन स्तर के लिये 60 प्रतिशत दक्षता आवश्यक है।
जारी निर्देशानुसार राज्य स्तर से चयन हेतु विद्यालय में आयोजित होने वाले बेसलाइन, मिडलाइन एवं एण्डलाइन टेस्ट को प्रदर्शन का आधार माना जाकर परीक्षण किया जायेगा। उपरोक्त तीनों वर्गों में पुरस्कृत होने के लिये नामांकित होने वाले विद्यालयों का निरीक्षण किया जाकर वर्तमान सत्र में प्रथम सूची 30 सितम्बर से पूर्व, द्वितीय सूची 31 दिसम्बर से पूर्व एवं तृतीय सूची 31 मार्च से पहले घोषित की जायेगी।
जारी निर्देशानुसार जनशिक्षा केन्द्र स्तर पर 50 प्रतिशत से अधिक विद्यालय स्वर्ण चैम्पियन श्रेणी में होने पर वह जनशिक्षा केन्द्र स्वर्ण-क्लस्टर और विकासखण्ड स्तर पर 50 प्रतिशत से अधिक विद्यालयों के स्वर्ण-चैम्पियन के वर्ग में शामिल होने पर तो वह विकासखण्ड “स्वर्ण-ब्लॉक” कहा जाएगा। इस तरह दक्षता प्रतिशत के आधार पर राज्य स्तर से स्वर्ण, रजत एवं कांस्य ब्लॉक का निर्धारण किया जाएगा।

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